जीएसएस कार्मिकों के नियमितीकरण में मुख्यमंत्री कार्यालय ने सहकारिता विभाग से मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट

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जयपुर । डिजिटल डेस्क | 30 मार्च | प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) में वर्ष 2022 में संपन्न हुई स्क्रीनिंग प्रक्रिया की हालात कुएं में लटके बंदर की तरह होकर रह गए है। इस प्रक्रिया की जांचे एसीबी से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) तक पहुंच गई हैं, हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक प्रकरण का संज्ञान लेकर सहकारिता विभाग से इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब करने के उपरांत सहकारिता विभाग के संयुक्त शासन सचिव (Joint Secretary of Cooperative Department) ने सहकारिता विभाग पंजीयक (Rcs) कार्यालय के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) को पत्र भेजकर एक ही दिन में रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब हैं कि प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 10 जुलाई 2017 से पूर्व नियुक्त व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापकों को राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2008 के प्रावधानानुसार नियमित करने के लिए सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय द्वारा जिला स्तरीय स्क्रीनिंग चयन कमेटी में जिला कलेक्टरों को अध्यक्ष के तौर पर हटाते हुए सहकारिता विभाग के खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार की अध्यक्षता में प्रक्रिया संपन्न करने के लिए 28 जुलाई 2022 को आदेश जारी किया था । इस प्रक्रिया के संपन्न होने के पश्चात प्रदेशभर के हर जिले में निरंतर चहेतों को उपकृत करने की अनियमितताएं समय-समय पर उजागर हो रही है।

राज्य स्तरीय जांच कमेटी पर हाईकोर्ट का स्टे

प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कार्यरत व्यवस्थापकों एवं सहायकों व्यवस्थापकों की जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी स्तर से संपन्न प्रक्रिया की जांच के लिए सहकारिता विभाग की ओर से 22 अप्रैल 2024 को सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसने 9 मई 2024 को स्क्रीनिंग प्रक्रिया के संबंध में लंबी-चौड़ी सूचना केंद्रीय सहकारी बैकों के प्रबंध निदेशकों से मांगने के उपरांत, ग्राम सेवा सहकारी समितियों के संगठन राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय (High Court) में रिट लगाई गई, जिस पर कोर्ट में सुनवाई के दौरान 30 मई 2024 को स्थगन जारी किया गया था ।

विकेंद्रीकरण की भावना से नहीं हुई भर्ती

प्रदेश में सहकारिता विभाग की प्रत्येक सहकारी संस्थाएं विकेंद्रीकरण की भावना से संचालित हैं, इनमें प्रत्येक संस्था से लेकर कर्मचारियों के लिए अलग-अलग नियम एवं उपनियम निर्धारित हैं, इनमें से एक संस्था ग्राम सेवा सहकारी समिति हैं, जिसमें राजस्थान सहकारी भर्ती बोर्ड का गठन होने के उपरांत आज आठ साल बाद रिक्त पदों पर भर्ती के बजाए पैक्स कंप्यूटराइजेशन योजना की आड़ में इन वित्तीय संस्थाओं में ठेका प्रणाली से मैनेजर जैसे महत्वपूर्ण पद पर संविदा कर्मियों की नियुक्ति करने का नया प्रावधान अब लागू हो गया है।

कलेक्टर को हटाकर विभागीय अधिकारी को बनाया था अध्यक्ष

सहकारिता विभाग की जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी में इस बार नियमों में बदलाव करते हुए जिला कलेक्टर को हटाकर अपने ही विभाग के अधिकारी को अध्यक्ष बनाया गया, इसमें अध्यक्ष के तौर पर खंड के अतिरिक्त रजिस्ट्रार को शामिल किया गया था। जबकि वर्ष 2008 से लेकर 2019 तक जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में संपन्न हुई स्क्रीनिंग में प्रक्रिया में इतना व्यापक फर्जीवाड़ा सामने नहीं आया था । हालांकि पैक्स-लैम्पस कर्मचारियों के सेवानियम 2022 प्रभावी होने के बाद जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से नियमितीकरण की व्यवस्था को सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय की ओर से समाप्त कर ही दिया गया है।

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