33 हजार 609 करोड़ रूपये से अधिक का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरित, नये किसानों को फसली ऋण प्राप्त करने की हुई सहूलियत

सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना से ऋण वितरण में भेदभाव समाप्त

राजस्थान जहां की भौगोलिक स्थितियां खेतीहर किसानों के माथे पर हमेशा से ही चिंता की लकीरें खींचती रही हैं। भूजल की कमी हो या बेमौसम की प्राकृतिक आपदा, विपरीत परिस्थितियों में यहां की मृदा पर फसलों को उगाना भूमि पुत्रााें के लिए किसी चुनौती से कम नहीं रहा है। किसानों के इस दर्द से मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत भली भांति वाकिफ थे। लिहाजा मुख्यमंत्री का पदभार संभालते ही उन्होंने इन भूमि पुत्रों को ऋणों के दबाव से मुक्ति दिलाने की प्राथमिकता को हाथों में लिया। पदभार ग्रहण करने के 48 घंटों के भीतर ही किसानों को फसली ऋण माफी की सौगात दी।
मुख्यमंत्री श्री गहलोत के किसानों के हित में ऎतिहासिक एवं साहसिक निर्णय से प्रदेश के इतिहास में पहली बार सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों के अल्पकालीन फसली ऋण की पूर्ण माफी हुई। इस प्रकार वर्ष 2018 एवं 2019 में ऋण माफी के पेटे सरकार ने 15 हजार करोड़ रूपये से अधिक का वित्तीय भार वहन करते हुए फसली ऋण माफी देने का काम किया।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की किसान हितैषी सोच के कारण ही राजस्थान ने देश में पहली बार सहकारिता के क्षेत्र में सहकारी फसली ऋण अॅानलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना, 2019 की शुरूआत कर किसानों के हित में कदम उठाया है। इस योजना से फसली ऋण वितरण में किसान से भेदभाव को समाप्त कर ऑनलाइन तरीके से पंजीयन एवं फसली ऋण वितरण को लागू कर वास्तविक किसान को सहकारी साख व्यवस्था से जोड़ा गया है। इसमें किसान को फसली ऋण प्राप्त करने के आवेदन, अधिकतम साख सीमा (एमसीएल) तथा फसली ऋण वितरण को सहकारी फसली ऋण पोर्टल से ऑनलाइन किया गया है। इसमें बायोमैट्रिक सत्यापन (आधार आधारित) से वास्तविक किसान को लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंंत्री श्री अशोक गहलोत का कहना है कि हम सहकारी ऋण ढांचे को मजबूती प्रदान करना चाहते हैं इसलिये हम ज्यादा से ज्यादा किसानों को इससे जोड़ना चाहते हैं। हमारे सामने कई ऎसे प्रकरण आये हैं इसके मद्देनजर यह निर्णय किया गया है कि किसी भी किसान का ऋण प्राप्त करने का हक न छिने, इसके लिये हमने बायोमैट्रिक सत्यापन को फसली ऋण वितरण प्रक्रिया में लागू किया है। इससे वास्तविक किसान को सहूलियत होगी और सहकारी संस्थाओं के साथ-साथ किसान की साख में भी बढ़ोतरी होगी। इस निर्णय से वास्तविक किसान सदस्यों को फसली ऋण मुहैया हो रहा है।
राजस्थान पहला राज्य है जिसने सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को फसली ऋण वितरण की प्रक्रिया को पेपरलैस कर सहकारी फसली ऋण पोर्टल से ऋण वितरण की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की इस पहल के साथ राज्य का सहकारी क्षेत्र अब डिजीटल क्रांति की ओर अग्रसर हो गया है। सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के कर कमलों से 11 जुलाई,2019 को शुरू हुई और योजना से जुडे़ किसानों को फसली ऋण वितरण की शुरूआत की गई।
योजना के तहत सहकारी समिति के सदस्य किसानों को ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं बहुउद्देशीय कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियों के माध्यम से फसली ऋण का वितरण ऑनलाइन किया गया है। इस योजना का क्रियान्वयन पैक्स/लेम्प्स एवं सहकारी बैंक की शाखाओं के स्तर से किया जा रहा है। योजना में फसली ऋण वितरण कार्यक्रम में स्थानीय विवेकाधीनता को समाप्त कर एकरूपी, पारदर्शी एवं सुव्यवस्थित बनाया गया है। इसमें किसान समिति या ई-मित्र केन्द्र पर जाकर ऑनलाइन पंजीयन करता है। यह पंजीयन बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर होता है।
सदस्य किसान को फसली ऋण बायोमैट्रिक सत्यापन के पश्चात् डिजिटल मेम्बर रजिस्टर (डीएमआर) के माध्यम से वितरित किया जा रहा है, विभाग ने सहकारी फसली ऋण प्रक्रिया में किसान से आवेदन प्राप्त करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया है। इस योजना में किसानों को ग्राम सेवा सहकारी समिति से निर्धारित आवेदन पत्र निःशुल्क प्राप्त होता है। जिसमें किसान आवश्यक सूचनाएं भर कर किसी भी समिति या ई-मित्र केन्द्र से सहकारी फसली ऋण पोर्टल पर आधार नम्बर के साथ पंजीयन करता है। किसान का पंजीयन होने पर उसके अधिकृत मोबाइल पर मैसेज से सूचित किया जाता है तथा रसीद दी जाती है, जिस पर यूनिक आवेदन पत्र क्रमांक अंकित होता है। इस क्रमांक का उपयोग किसान भविष्य में समिति, बैंक से व्यवहार या सेवा के लिए कर सकते हैं।
किसान को अल्पकालीन फसली ऋण की अधिकतम साख सीमा एवं ब्याज दर सरकार एवं शीर्ष सहकारी बैंक की तय नीति के अनुसार की जाती है। पंजीकृत किसान की अधिकतम साख सीमा जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा फसलवार निर्धारित मापदण्ड, आवेदक की भूमि आकार एवं आवेदक द्वारा बोई जाने वाली फसलों के आधार पर खरीफ तथा रबी फसल हेतु पृथक-पृथक सहकारी फसली ऋण पोर्टल पर स्वतः स्वीकृत होती है। स्वीकृत अधिकतम साख सीमा 5 वर्ष के लिए मान्य है।
नई फसली ऋण व्यवस्था में किसान बैंक की शाखा से फसली ऋण नकद रूप में प्राप्त करने के अलावा रूपे किसान डेबिट कार्ड के माध्यम से एटीएम से प्राप्त कर रहा है। इसके अलावा किसान को सहूलियत देने के लिये समिति में एफआइजी (फाईनेन्सियल इंक्लूजन गेटवे) के माध्यम से ऋण प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है। किसान रूपे डेबिट कार्ड के माध्यम से ऋण वितरण किये जाने से डिजिटल एवं कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है।
सहकारी फसली ऋण की पंजीयन एवं वितरण की ऑनलाइन योजना के माध्यम से वर्ष 2019-20 में 21.85 लाख किसानों को 9541.02 करोड़ रूपये, वर्ष 2020-21 में 26.79 लाख किसानों को 15235.33 करोड़ रूपये तथा वर्ष 2021-22 में  24 अगस्त, 2021 तक 24.80 लाख किसानों को 8833.52 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरित किया जा चुका है। इस प्रकार कुल 33 हजार 609 करोड़ रूपये से अधिक का ब्याज मुक्त फसली ऋण का वितरण सवा 2 वर्षों में प्रदेश के किसानों को किया जा चुका है।
सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना लगातार प्रयास कर रहे है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को सहकारी फसली ऋण ढांचे से जोड़ा जाए। इसी प्रयासों के कारण नए किसानों को फसली ऋण का वितरण किया जा रहा है। वर्ष 2019-20 में 9.71 लाख नये कृषकों को 2026.58 करोड़ रूपये, वर्ष 2020-21 में 3.91 लाख नए कृषकों को 693.75 करोड़ रूपये तथा वर्ष 2021-22 में 26 जुलाई, 2021 तक 45502 नए कृषकों 93.09 करोड़ रूपये का फसली ऋण वितरित किया जा चुका है। इस प्रकार सवा 2 वर्षों में 2843.02 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त फसली ऋण का वितरण नए किसानों को हो चुका है। किसानों को पहली बार इस निर्णय से दोहरा लाभ मिल रहा है। किसान को उसकी आवश्यकता के अनुसार जमीन को रहन रखे बिना ही फसली ऋण मिल रहा है और साथ ही सहकारिता से जुड़ने के दूसरे सभी लाभ भी प्राप्त होे रहे हैं।
इसी सरकार ने वर्ष 2012 में सहकारी फसली ऋण से जुड़़े किसानों के लिए ऎतिहासिक कदम उठाकर ब्याज मुक्त फसली ऋण की व्यवस्था शुरू की थी। कुल मिलाकर यशस्वी मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व की सरकार में सहकारी आंदोलन का कुनबा लगातार बढ़ता ही जा रहा है और राजस्थान का किसान सशक्त होता जा रहा है।
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