सहकारिता विभाग की गोदाम निर्माण योजना में चल रही कमीशनखोरी उजागर

सार

Rajasthan : सहकारिता विभाग ने विश्व की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना में स्वीकृति से लेकर प्रथम किश्त देने में दिखाई जल्दबाजी, विभाग ने श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में स्वीकृत किए एक तिहाई गोदाम, अब हनुमानगढ़ जिले में इस योजना में चल रही कमीशनखोरी का एक मामला एसीबी ने किया उजागर

विस्तार

जयपुर । डिजिटल डेस्क | 11 जनवरी | प्रदेश में सहकारिता विभाग ने 100 एवं 500 मैट्रिक टन गोदाम स्वीकृत करने से लेकर प्रथम किश्त देने में बहुत जल्दबाजी दिखाई, विभाग ने 152 से ज्यादा ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण की स्वीकृति जारी कर सभी जिला मुख्यालय पर पिछले दिनों आयोजित किसान सम्मेलन के दौरान प्रथम किश्त की राशि का चेक संबंधित समितियों को प्रदान किया, सहकारिता विभाग ने इस योजना में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई, वह हाल ही में एसीबी की कार्यवाही के बाद समझ आया हैं, सहकारिता विभाग की यह योजना भी कमीशनखोरी की चपेट में आकर खड़ी हो गई हैं, जिसका खुलासा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने किया हैं।

दरअसल, नोहर-रावतसर क्षेत्र से हनुमानगढ़ आते वक्त सीसीबी हनुमानगढ़ के मुख्य प्रबंधक संजय शर्मा को कोहला टोल प्लाजा पर रोककर 8 लाख 50 हजार रुपये नगद संदिग्ध राशि के साथ पकड़ा और इस राशि के संबंध में पूछे जाने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संदिग्ध राशि ए.सी.बी. ने अपने कब्जे में लेकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर दिया है।

इस बारे में एसीबी की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक हनुमानगढ़ सीसीबी के मुख्य प्रबंधक ने अन्न भंडारण योजना में गोदाम स्वीकृति कराने के लिए कमीशन एवं रिश्वत राशि इकट्ठा की थी । गौरतलब हैं कि विश्व की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना में ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 500 मैट्रिक टन गोदाम का निर्माण करवाने के लिए सरकार 25 लाख रुपए तक की राशि का व्यय करेगी, वही पिछले पांच सालों में जयपुर एवं भीलवाड़ा जिलों में 170 से ज्यादा ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 100 मैट्रिक टन गोदामों की स्वीकृति सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय की ओर से जारी हुई थी । अब अगर इन दो जिलों में पिछले पांच सालों में निर्मित गोदामों का भौतिक सत्यापन करवाया जाएं, तो कलाई स्वतः खुलने पर साबित हो जाएगा कि “पूरा वटवृक्ष ही कमीशनखोरी की भेंट चढ़ा हुआ है।”

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