जयपुर, 04 जुलाई। प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर के कारण खेती किसानी पर सीधा असर पड़ रहा है। सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। गिरते भू-जल स्तर के कारण जल के सर्वेक्षण व कुशलतम उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘‘पर ड्रोप मोर क्रोप‘‘ और अदर इन्टरवेशन योजना के अन्तर्गत फार्म पौण्ड का निर्माण करवाया जा रहा है। आयुक्त कृषि श्री कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सीमान्त कृृषकों को 1200 घन मीटर पर इकाई लागत का 70 फीसदी या अधिकतम 73500 रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर एवं इकाई लागत का 90 फीसदी या 1 लाख 35 हजार रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर और अन्य श्रेणी के कृृषकों को लागत का 60 फीसदी या अधिकतम 63 हजार रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा इकाई लागत का 80 फीसदी या 1 लाख 20 हजार रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर जो भी कम हो, अनुदान देय है। न्यूनतम 400 घन मीटर क्षमता की खेत तलाई (फार्म पौण्ड) पर ही अनुदान देय है। उन्होंने कहा कि जिस कृृषक के पास स्वयं के नाम एक ही स्थान पर न्यूनतम 0.3 हैक्टेयर एवं संयुक्त खातेदारी की स्थिति में भी 0.3 हैक्टेयर कृृषि योग्य भूमि हो, अनुदान के पात्र होंगे। अनुदान हेतु कृृषक को जमाबंदी की नकल 6 माह से पुरानी न हो एवं जिस खसरे में फार्म पौण्ड बनाना है उसका राजस्व विभाग द्वारा जारी नक्शा देना होगा। उल्लेखनीय है कि फार्म पौण्ड में आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण रूप से ऑन-लाईन है। जिसमें किसान लाभ लेने के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार के माध्यम से अथवा ई-मित्र पर जाकर आवेदन कर सकते है। योजना का फायदा उठाने के लिए किसान के पास जमाबंदी 6 माह से पुरानी न हो, तारबंदी करवाये जाने वाले खेत का नक्शा, जन आधार कार्ड और आधार कार्ड होना आवश्यक है।