भारत में संविधान का कवच अधिवक्ता- न्यायाधिपति डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी

  • युवा एवं महिला अधिवक्ताओं को दें प्रोत्साहन
  • बार एसोसिएशन का शपथ ग्रहण एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं का सम्मान समारोह समपन्न 

जालोर 20 फरवरी। न्यायपालिका एक मजबूत रथ है तथा इसके सारथी अधिवक्ता हैं। देश का विश्वास कानून में बनाना अधिवक्ताओं की जिम्मेदारी है। यह बात शनिवार को अभिभाषक संघ के शपथ ग्रहण और वरिष्ठ अधिवक्ताओं के सम्मान समारोह में राजस्थान उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधिपति डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी ने कही। उन्होंने कहा कि जालोर से उनका रिश्ता बहुत पुराना है। सुन्धा माता में प्रकृति की गोद में रहकर उन्हें बेहद अच्छा लगा। हमें सुन्धा माता के प्राकृति सौन्दर्य को बनाये रखने का कार्य करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जालोर बार काउंसिल का राजस्थान उच्च न्यायालय में अग्रिम स्थान है और आगे भी युवा एवं प्रतिभाशाली अधिवक्ताओं की वजह से जालोर का बार काउंसिल प्रगति करता रहेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी न्यायालय अपने भवन से नहीं, विधि के बिन्दुओं और फैसलों से जाना जाता है। उन्होंने जालोर में हुए स्वागत से अभिभूत होकर कहा कि यह स्वागत आपका न्यायपालिका में विश्वास जताता है। उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ताओं के सम्मान करते हुए कहा कि वे इस मौके पर खुद गौरवान्वित महसूस कर रहे है। न्यायाधिपति ने युवा अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें प्रगति से संतुष्ट नहीं होना चाहिए और आगे प्रगति के लिए सदैव प्रयासरत रहना चाहिए। राह में आने वाली परेशानियों से कभी भी अच्छा वकील नहीं घबराता है। उन्होंने युवा एवं महिला अधिवक्ताओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत के प्रजातंत्र का कवच संविधान, गणतन्त्र की शोभा संविधान और भारत के संविधान का कवच अधिवक्ता है। देश का विश्वास कानून में बनाये रखने से देश की प्रगति सुगम रहेगी। उन्हांने कहा कि वे जिले के बार काउंसिल की किसी भी समस्या के निराकरण के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। कार्यक्रम में जिला एवं सेशन न्यायाधीश सिया रघुनाथदान ने कहा कि न्यायमित्र न्याय के चलते फिरते चित्र है। उन्हांने कहा कि नीतिशाली व्यक्ति को स्तुति या निन्दा से कोई फर्क नहीं पड़ता। धैर्यवान व्यक्ति न्याय पथ पर सदैव चलते रहता है, कभी विचलित नहीं होता। उन्होंने कवि जयशंकर प्रसाद की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा कि न्यायिक अधिकारी बर्फ की तरह है और अभिभाषक प्रवाहमान जल की तरह है। दोनों ही अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन से देश को प्रगति पथ की तरफ अग्रसर करेंगे। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने कहा कि प्रशासन बार काउंसिंल की समस्याओं के निस्तारण के लिए भरपूर सहयोग करेगा। उन्होंने अभिभाषकों द्वारा समाज को सटीक न्यायिक व्यवस्था उपलब्ध करवाने के साथ सामाजिक सरोकार से जुड़ने की बात कही। जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बार काउंसिल को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं के सुझावों को ध्यान में रखकर परम्पराओं के निर्वहन की बात कही। बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष तरूण सोलंकी ने अपने गुरू देहदान करने वाले स्वर्गीय जबरमल सोलंकी की स्मृति को याद करते हुए अपना संबोधन शुरू किया। सोलंकी ने आगन्तुक न्यायाधिपति सहित अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि बार काउंसिल न्यायिक व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने न्यायाधिपति भाटी को बार एसोसिएशन की समस्याओं से अवगत करवाया। उन्होंने जालोर में एनडीपीएस एवं एमएसिटी के लिए कोर्ट खोलने और एनआइ एक्ट के लिए एसीजीएम स्तर का कोर्ट खोलने की मांग की ताकि जिलेवासियों को न्याय मिलना सुगम हो सकें। कार्यक्रम को वरिष्ठ अधिवक्ता सरदार खां खोखर ने भी संबोधित किया। समारोह में 50 वर्ष से अधिक वकालत का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मोतीलाल मेहता, गणपतसिंह राठौड़, चन्द्रशेखर सोनी, गेनमल जैन, रंगराज भण्डारी, हरिशंकर राजपुरोहित का साफा, माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। समारोह में न्यायधिपति डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी ने बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष तरूण सोलंकी, उपाध्यक्ष चिरंजीलाल गहलोत, सचिव महिपाल गिरी गोस्वामी, सह सचिव दिलीपसिंह राजपुरोहित, कोषाध्यक्ष पारसमल बराडा, पुस्तकालयाध्यक्ष महेन्द्र मुणोत, उप कोषाध्यक्ष सुरेश सोलंकी को शपथ ग्रहण करवाई। समारोह का संचालन डॉ.एम.एल.जांगिड़ एवं रमेश सोलंकी ने किया। इस अवसर पर पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश हरिवल्लभ खत्री, एडीजे भीनमाल मनीष वैष्णव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नरेन्द्र सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार काला, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्येन्द्र प्रकाश चोटिया, न्यायिक अधिकारी रश्मि आर्य व पूर्णिमा यादव सहित न्यायिक अधिकारी-कर्मचारी, अधिवक्तागण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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