किसान एवं कृषि के विकास को समर्पित बजट

बजट घोषणा से किसान, कृषि एवं सहकारिता होगी मजबूत -सहकारिता मंत्री

जयपुर, 24 फरवरी। सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2021-22 अवधि के लिये विधान सभा में प्रस्तुत किया गया बजट किसानों, कृषि एवं सहकारिता के लिये बहु आयामी बजट है जो निश्चित तौर पर कृषि एवं किसानों के सर्वांगीण विकास में कारगर साबित होगा। आगामी वर्ष में कृषि बजट के शुरूआत की घोषणा से अन्नदाता के बेहतर भविष्य एवं उनके हितों का संरक्षण होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने वादे निभाते हुए 20 लाख 89 हजार किसानों के 8 हजार करोड़ रूपए से अधिक के ऋण माफ किए है। साथ ही गत सरकार के समय लंबित 6 हजार करोड़ रूपए का भी भुगतान किया है और इस प्रकार कुल मिलाकर 14 हजार करोड़ रूपए की राशि के किसानों के ऋण माफ किए है। इससे किसानों को लाभ मिला है तथा सहकारी बैंकों की स्थिति भी सुधरी है। श्री आंजना ने कहा कि अब तक सहकारी बैंकों से करीब 13 लाख किसानों को पहली बार फसली ऋण देकर लाभान्वित किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा आगामी वर्ष में 16 हजार करोड़ रूपए के ब्याज मुक्त फसली ऋण की घोषणा से किसानों को लाभ मिलेगा। साथ ही 3 लाख नए किसान को भी जोड़ने की घोषणा से सहकारिता के दायरे में और किसान शामिल होंगे। केन्द्रीय सहकारी बैंकों को ब्याज अनुदान के रूप में राशि उपलब्ध उपलब्ध होगी। जिससे बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूती मिलेगी। सहकारिता मंत्री ने कहा कि बजट में 100 पैक्स एवं लेम्पस में प्रत्येक में 100 मीट्रिक टन क्षमता के 12 करोड़ रूपये से 100 गोदाम बनाने की घोषणा से भण्डारण क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि लघु एवं सीमान्त किसानों को उच्च तकनीक के कृषि उपकरण किराए पर उपलब्ध कराने के लिए चरणबद्ध रूप से पीपीपी मोड पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं अन्य जगहों पर 1 हजार कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना के लिए 20 करोड़ रूपये खर्च करने के निर्णय से कृषि कार्य में समय की बचत तथा खेती लागत कम करने में सहायता मिलेगी। श्री आंजना ने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने एवं उत्पादकों के हित में राजसमंद में नए दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के गठन की घोषणा से दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलेगा। प्रदेश में नए दुग्ध संकलन रूट प्रारंभ करने की घोषणा के साथ 1500 दुग्धसंकलन केन्द्रों को प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के रूप में पंजीकृत करने की घोषणा से दुग्ध उत्पादकों को बेहतर मूल्य एवं लाभ मिलेगा।   

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