10 लाख से अधिक लागत के आवासीय भवन बनवाने पर वसूला जायेगा 1 प्रतिशत सेस

प्रतीकात्मक फोटो

जालोर 3 फरवरी। श्रम कल्याण विभाग द्वारा भवन एवं संनिर्माण श्रमिक कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 के तहत 10 लाख रूपये से अधिक लागत के आवासीय भवन बनवाने पर एक प्रतिशत उपकर (वसूला) जायेगा।
श्रम कल्याण अधिकारी मगाराम गोदारा ने बताया कि राज्य में भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 लागू है जिसके तहत 27 जुलाई, 2009 के पश्चात् निर्मित सरकारी, वाणिज्यिक व निजी (आवासीय) भवनों व निर्माण कार्यों की लागत पर 1 प्रतिशत उपकर (सेस) है। 27 जुलाई, 2009 के बाद 10 लाख रूपये से कम लागत के बनाए गए केवल आवसीय भवनों को उपकर सेस के दायरे से बाहर रखा गया है।
उन्होंने बताया कि 10 लाख रूपये की लागत से ज्यादा की लागत से अगर कोई आवासीय मकान बनाता है तो उससे भी एक प्रतिशत उपकर (सेस) वसूला जायेगा। व्यवसायिक भवन निर्माण करवाने पर कोई छूट नहीं है। भवन निर्माण करने वाले मालिक या नियोजक को निर्माण कार्य प्रारम्भ करने की सूचना 30 दिवस की अवधि में निर्धारित प्रपत्र में श्रम विभाग को दिया जाना आवश्यक है तथा निर्माण कार्य पूर्ण होने या उपकर राशि निर्धारण होने के 30 दिवस की अवधि में जो भी पहले हो, उपकर राशि को जमा करवाना आवश्यक है। नियोजक द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य की अनुमानित लागत पर देय उपकर अग्रिम भी जमा करवाया जा सकता है। उपकर (सेस) के तहत वसूली जाने वाली राशि निर्माण श्रमिकों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं में व्यय की जाती है।
उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत श्रम विभाग द्वारा जिले में वर्ष 2009 के पश्चात् बनी गई कॉलोनियों, कॉम्पलेक्स व तहसीलों में उपकर सर्वे करवाकर सैकड़ों भवनों को नोटिस जारी किये गये हैं तथा नियोजकों से श्रम उपकर की वसूली जा रही है। श्रम विभाग द्वारा भवन मालिकों व नियोजकों को निर्माण से संबंधित दस्तावेज अथवा स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का अवसर दिया जा रहा है। नोटिस के बाद उपकर (सेस) जमा नहीं करवाने पर श्रम विभाग स्वयं निर्माण की लागत निकालकर भवन मालिक के विरूद्ध एक पक्षीय उपकर सेस निर्धारण आदेश जारी करेगा। उपकर राशि देय होने की अवधि में जमा करवाने की स्थिति में 2 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से नियोजक पर ब्याज आरोपित किये जाने का प्रावधान है। इसके अलावा उपकर की निर्धारित अवधि में नहीं करवाने पर 100 प्रतिशत पेनल्टी का भी प्रावधान है।
उन्होंने सभी नियोजकों से अपील की हैं कि वे समय पर निर्माण कार्य की उपकर राशि जमा करवायें अन्यथा उपकर जमा नहीं करवाने पर मय ब्याज एवं पेनल्टी संपति कुर्क कर वसूली की कार्यवाही की जायेगी।

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