30 सालों में दो बार चली लहर के साथ चले ‘मतदाता’ वरना बारिकी से चुना ‘विधायक’

हाइलाइट्स

1998 और 2013 में थी लहर, शेष चुनाव में चार विधानसभा सीटों पर नहीं रहा हार-जीत का अंतर
Assembly Election : जालोर । डिजिटल डेस्क | 8 नवम्बर | विधानसभा चुनाव में तीन दशकों के परिणामों को देखे तो दो बार जालोर-सिरोही संसदीय क्षेत्र की सीटों पर ऐसे परिणाम आए है। जिसमें हार जीत का अंतर बहुत अधिक रहा है। यह आंकड़ा तब बड़ा जब लहर की स्थिति रही है। तीन दशक में केवल दो बार किसी भी दल की लहर चली। उसके बाद चार चुनावों में किसी प्रकार की कोई लहर नहीं चली तो मतदाताओं ने बहुत बारिकी से अपने मत का फैसला किया और अपने क्षेत्र का विधायक चुना है। वर्तमान का परिदृश्य देखे तो मतदाता चुप है। किसको विजय श्री का आशीर्वाद देगा मतगणना के दिन स्पष्ट होगा।

1998 और 2013 के चुनाव में चली लहर

विधानसभा चुनाव में तीस सालों में यानी की 1993 से लेकर 2023 तक छह बार चुनाव हुए है। इन चुनावों में केवल दो बार लहर चली है। 1998 में कांग्रेस की तो 2013 में भाजपा की लहर चली थी। इन दोनों चुनावों में विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी हार जीत हुई है। 1998 में सभी सीटों पर लगभग 2 हजार से 15 हजार तक जीत का अंतर था। वही 2013 में एकाधिक सीट को छोड़ दे तो सभी सीटों पर हार जीत का अंतर बड़ा था। धीरे धीरे अब चुनाव का परिदृश्य बदल गया है।

चार चुनावों में हार जीत का अंतर ज्यादा नहीं

संसदीय क्षेत्र के पिछले छह विधानसभा चुनावों के परिणाम देखे तो लहर वाले चुनाव छोडकऱ अन्य चार चुनावों में हार जीत का अंतर कुछ सीटों पर ही बड़ा रहा है। शेष सीटों पर कम रहा है। किसी-किसी सीट पर तो 4000 के अंदर तो किसी पर 6000 के अंदर तक रहा है तो एकाधिक सीट का अंतर 30 हजार तक पहुंचा है। वह भी उस सीट पर पहुंचा है। जहां पर परंपरागत सीट संबंधित दल की रही हो। वरना अंतर कम ही रहा है।

सीधे मुकाबला लेकिन मतदाता अब तक चुप

संसदीय क्षेत्र की आठ सीटों पर तीन सीटों को छोड़ दे तो पांच सीटों पर सीधा मुकाबला है। इनमें आबू-पिंडवाड़ा, रेवदर, रानीवाड़ा, भीनमाल, और आहोर सीट है। सभी सीटों पर उम्मीदवार अपना प्रचार प्रसार जोर शोर से कर रहे है। लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी मतदाता अब तक चुप है। ऐसे में कोई भी अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि लहर है या नहीं है। राजनीति विशेषज्ञों की माने तो यह दिवाली के बाद सामने आ सकता है कि ऊंट किस करवट बैठेगा।

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