एक दशक से जमे सहकारी समिति अध्यक्ष की कुर्सी हिलेगी

The chair of the chairman of the cooperative society, which has been frozen for a decade, will move

जालोर I डिजिटल डेस्क I 4 अगस्त I जिले की निर्वाचन योग्य और निर्वाचन ड्यु 191 सहकारी समिति (जीएसएस) में संचालक मण्डल सदस्य व पदाधिकारियों के चुनाव की घोषणा कर दी गई हैं. राज्य सहकारी निर्वाचन अधिकारी संजय माथूर (State Cooperative Election Officer Sanjay Mathur) की ओर से जारी अधिसुचना के अनुसार यह चुनाव पांच चरणों में होगें । जिसकी प्रक्रिया 26 अगस्त प्रारम्भ होगी । जिले में पहले की 160 जीएसएस में कार्यकाल खत्म होने के बावजूद पुराने बोर्ड ही इन समितियों का जिम्मा संभाल रहा था, एक दशक तक जमे संचालक बोर्ड ने मनमाफिक सहकारी समिति (जीएसएस) का संचालन किया, समय पर चुनाव नहीं होने से (not having elections on time) किसानों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा था. किसानों का कहना है कि सहकारी समिति में अपने चहेतों को लाभान्वित कर अन्य किसान वर्ग की अनदेखी की झलक अब सहकारी चुनावों (cooperative elections) को लेकर गांवों में दिखाई देगी । वही, सहकारी चुनावों की घोषणा से किसान वर्ग में उत्साह का माहौल चुनाव के समय हलचल बढाएगा

आचार संहिता की पालना के निर्देश

सहकारी समिति (जीएसएस) के स्वतंत्र, उचित एवं निष्पक्ष निर्वाचन के लिए आदर्श आचार संहिता के अनुदेशों की निर्वाचन के समय, निर्वाचन कार्यक्रम जारी होने की दिनांक से निर्वाचन की समाप्ति तक कठोरता से पालना संबंधी निर्देश दे दिए गए हैं
सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण (co-operative election authority) ने अतिरिक्त रजिस्ट्रार एवं पदेन आंचलिक रिटर्निंग अधिकारी (Ex-officio Zonal Returning Officer) और उप रजिस्ट्रार एवं पदेन इकाई रिटर्निंग अधिकारियों (Ex-officio Unit Returning Officers) को ऐसी सभी ग्राम सेवा सहकारी सोसाइटियां जिनमे निर्वाचन करवाये जाने, में आचार संहिता की निर्वाचन के समय कठोरता से पालना सुनिश्चित तरीके से करवाने के दिशानिर्देश दिए हैं.

एक दशक से जमे हैं सहकार के संवाहक

जिले की चार सहकारी समिति (जीएसएस) में पिछले समय में चुनाव होने से वहां नया बोर्ड गठित हो चुका है। जबकि वर्ष 2019 से अब तक जिले में 31 नई ग्राम सेवा सहकारी समिति (जीएसएस) गठित की गई है। वही, शेष 160 सहकारी समिति (जीएसएस) के चुनाव वर्ष 2011-12 में हुए थे। इन 160 जीएसएस में पुराना बोर्ड ही कामकाज संभाल रहा है। इसके बाद चुनाव नहीं होने से करीब एक दशक से अध्यक्ष पद पर एक ही व्यक्ति काबिज है। इससे सहकार का मूलभूत सिद्धांत भी प्रभावित हो रहा था ।

2005 में राजस्थान राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण की स्थापना हुई थी

पंजीकृत सहकारी समितियों के चुनाव समय पर हो इसके लिए राज्य में वर्ष 2005 में ही राजस्थान राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण की स्थापना की थी. लेकिन प्राधिकरण को अधिकार कई बरसों बाद प्रदान किए गए. जुलाई 2017 के बाद से अब तक प्राधिकरण ने करीब 2 हजार समितियों के चुनाव संपन्न करवाए हैं.

प्रत्येक समिति में चार वार्ड आरक्षित रहेंगे।

इनमें एक अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जन जाति व दो वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। सदस्य पद के लिए ऋणी व अऋणी सदस्य योग्य होंगे। लेकिन अध्यक्ष पद के लिए ऋणी सदस्य ही चुनाव लड़ सकेंगे। अध्यक्ष पद पर कोई आरक्षण भी लागू नहीं होगा। इससे सहकार की सरकार की कमान संभालने के लिए कई दावेदार सामने आने वाले हैं।

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