सहकारी भर्ती बोर्ड नहीं कर पाया पैक्स-लैम्पस में व्यवस्थापकों की भर्ती प्रक्रिया

File Photo

जयपुर । डिजिटल डेस्क I 7 जुलाई I सहकारी भर्ती बोर्ड में ग्राम सेवा सहकारी समितियों में पिछले छह साल से व्यवस्थापकों के रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया ही तय नहीं हो पाई है। भर्ती के लिए सहकारी भर्ती बोर्ड (cooperative recruitment board) का गठन राज्य सरकार की ओर वर्ष 2017 में ही कर दिया गया था, लेकिन आज दिन तक पैक्स व्यवस्थापकों की भर्ती प्रक्रिया की फाइल तक भर्ती बोर्ड तक नहीं पहुची । वही, सहकारिता विभाग के पंजीयक (Registrar of Cooperative Department) ने गत साल पैक्स-लैम्पस कर्मचारियों के नए सेवानियम जारी किए, जिसके अनुसार 10 जुलाई, 2017 के बाद स्क्रीनिंग की व्यवस्था को समाप्त कर राजस्थान राज्य सहकारी भर्ती बोर्ड के माध्यम से परीक्षा का आयोजन कर व्यवस्थापकों की भर्ती की जाएगी। करीब 3000 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में व्यवस्थापक के पद सीधी भर्ती से भरे जाने थे, लेकिन डेढ साल बीत जाने के बावजुद भी सहकारी भर्ती बोर्ड की ओर नहीं तो कोई आधिकारिक अधिसूचना और नहीं भर्ती के लिए कोई आदेश निकाला गया है।

रोक के बावजुद कागजी कार्यवाही में बन गए व्यवस्थापक

जहां सीमावर्ती जिले बाड़मेर की बात करें तो एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया हैं कि सहकारिता विभाग की ओर से 10 जुलाई, 2017 के बाद ग्राम सेवा सहकारी समिति (जीएसएस) संचालक मण्डल द्वारा प्रस्ताव पारित कर व्यवस्थापक की भर्ती पर रोक के बावजुद कागजी कार्यवाही से मनमाफिक प्रस्ताव पारित करवाकर नवगठित सहकारी समितियों में अयोग्यताधारी-अपात्र व्यक्तियों को व्यवस्थापक पद का चार्ज थमा कर समिति का कार्य संपन्न करवाया जा रहा है।

सहकारी भर्ती बोर्ड के अतिरिक्त हुई नियुक्ति अमान्य

सहकारी साख आंदोलन से जुड़े सुत्रो का कहना है कि सहकारिता विभाग के पंजीयक कार्यालय द्वारा 3 अगस्त 2018 को एक पत्र उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां और सीसीबी प्रबंध निदेशक समस्त को जारी कर अवगत कराया गया था कि सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 यथा संशोधित 2016 की धारा 29 (ख) के तहत राज्य की सहकारी समितियों में कर्मचारियों के चयन और भर्ती की सिफारिश हेतु सहकारी भर्ती बोर्ड का गठन होने के पश्चात, किसी भी समिति अध्यपेक्षा और आवश्यकता अनुसार चयन के मापदण्ड की प्रक्रिया एवं अभ्यर्थी के चयन की सूची तैयार करने बाबत् विनिश्चय करने की शक्ति सहकारी भर्ती बोर्ड में निहित होने के साथ ही, जारी पत्र के मुताबिक, 10 जुलाई 2017 को इस संबंध में जारी अधिसूचना के पश्चात बोर्ड के अतिरिक्त किसी भी स्तर पर संपादित की गई नियुक्ति की कार्यवाही विधि विरुद्ध और अमान्य है।

error: Content is protected !!