निर्देशों की निरंतर अवहेलना और ज्ञापन बाजी का दौर

सार

Jalore News : राजस्थान बहुउद्देशीय सहकारी समिति कर्मचारी यूनियन जयपुर ब्लॉक इकाइ आहोर ने दिया ज्ञापन, किसान ऋण पोर्टल पर डाटा अपलोड करने के लिए प्रशिक्षण देने की मांग

विस्तार

जालोर । डिजिटल डेस्क | 18 सितम्बर | केंद्रीय सहकारी बैंक (CCB) द्वारा अनवरत ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) स्तर से किसान ऋण पोर्टल (KCC-ISS Portal) पर ब्याज अनुदान का डाटा अपलोड करने के संबंध में ऋण पर्यवेक्षक एवं शाखा प्रबंधकों को निरतंर निर्देश जारी किए जा रहें हैं, यह डाटा भारत सरकार से 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं, प्रदेश की ग्राम सेवा सहकारी समितियों को अल्पकालीन फसली ऋण (ST Crop Loan) वितरण की एवज में प्राप्त वसूली के पेटे भारत सरकार से 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता हैं, अब नये नियमों के अनुसार किसान ऋण पोर्टल (KCC-ISS Portal) पर किसानों का डाटा अपलोड किए जाने के बाद ही भारत सरकार से ब्याज अनुदान प्राप्त किया जा सकेगा,

केंद्रीय सहकारी बैंक स्तर से समय-समय पर जारी निर्देश

परन्तु जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों को इस पोर्टल की पर्याप्त जानकारी नहीं होने के चलते आज राजस्थान बहुउद्देशीय सहकारी समिति कर्मचारी यूनियन जयपुर ब्लॉक इकाइ आहोर के ब्लॉक अध्यक्ष खेतपालसिंह बालोत के नेतृत्व में सहकारी समिति व्यवस्थापकों ने प्रबंध निदेशक दी जालोर सैण्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (CCB) को शाखा प्रबंधक आहोर के मार्फत ज्ञापन सौंपा, जिसमें व्यवस्थापकों को किसान ऋण पोर्टल (KCC-ISS Portal) पर डाटा अपलोड किए जाने के संबंध में प्रशिक्षण देने की मांग उठाई गई हैं,

शाखा प्रबंधक को ज्ञापन सौंपते हुए व्यवस्थापक

इसी प्रकार, जिले की अन्य शाखाओं में भी ज्ञापन दिए गए हैं और बैंक स्तर से रस्म अदायगी के तौर पर एक फरमान निकाला गया, जिसमें उनको 24 सितम्बर से 28 सितम्बर तक प्रशिक्षण देने का हवाला दिया गया हैं, जबकि मंत्रालय स्तर से डाटा अपलोड करने की अंतिम तिथि 21 सितम्बर निर्धारित हैं, ऐसे में अल्प समय में सारा डाटा अपलोड होना संभव नहीं हैं ।

किसान ऋण पोर्टल पर डाटा अपलोड प्रशिक्षण को लेकर दिया गया ज्ञापन

गौरतलब हैं कि जिले की आहोर शाखा अंतर्गत संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों में करोड़ो का असंतुलन अपात्रों व्यक्तियों की वजह से हो गया हैं और निरंतर इसमें वृद्धि हो रही हैं, स्थिती यह हैं कि जो समितियां जिलेभर में “अ” श्रेणी में आती थी, वर्तमान में उन समितियों में अपात्र व्यक्तियों को अपात्र अधिकारियों द्वारा व्यवस्थापक पद के दिए गए वित्तीय प्रभार की बदौलत अनियमितताएं बढ़ती जा रही हैं,

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