प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पैक्स) को मिलेगी मजबूती, कॉमन सर्विस सेंटर की तरह भी करेंगे काम ; अमित शाह करेंगे महासंगोष्ठी का उद्घाटन

  • सहकारिता मंत्रालय की ओर से गुरुवार को बताया गया कि महासंगोष्ठी का आयोजन NCDC एवं सीएससी के सहयोग से कराया जा रहा है। इस दौरान पैक्स की ओर से सीएससी की सेवाओं से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। सहकारिता मंत्रालय की ओर से व्यापक विमर्श के बाद तैयार मॉडल बायलॉज के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए पैक्सों को अधिक सशक्त बनाया जा रहा है।
File Photo – केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह

  • अमित शाह 21 जुलाई को दिल्ली में महासंगोष्ठी का करेंगे उद्घाटन
  • अबतक कुल 17 हजार पैक्स हो चुके हैं ऑनबोर्ड

नई दिल्ली । प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पैक्स) की ओर से कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) की सेवाएं शुरू होने जा रही हैं। इसके लिए शुक्रवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय महासंगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगे।
पैक्स को देश में सहकारिता की रीढ़ माना जाता है। इनके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में सीएससी सेवाओं की आपूर्ति से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पैक्सों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार, राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय, सहकारी नीति और सहकारी डेटाबेस बना रही है। पैक्सों को बहुद्देशीय बनाकर किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को भी संबल मिलेगा।

अबतक कितने पैक्स हुए ऑनबोर्ड?

सहकारिता मंत्रालय की ओर से गुरुवार को बताया गया,

महासंगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) एवं सीएससी के सहयोग से कराया जा रहा है। इस दौरान पैक्स की ओर से सीएससी की सेवाओं से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। सीएससी पोर्टल पर अबतक कुल 17 हजार पैक्स ऑनबोर्ड हो चुके हैं, जिनमें से छह हजार से अधिक सीएससी के रूप में सेवाएं देना शुरू कर चुके हैं।

इसी वर्ष फरवरी में 2023 अमित शाह एवं केंद्रीय इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में पैक्सों को सीएससी द्वारा दी जाने वाली सेवाएं प्रदान करने के लिए समझौता किया गया है। इसके तहत पहले चरण में 63 हजार पैक्सों प्रशिक्षित किया जा रहा है। दूसरे चरण में तीस हजार पैक्सों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
सहकारिता मंत्रालय की ओर से व्यापक विमर्श के बाद तैयार मॉडल बायलॉज के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए पैक्सों को अधिक सशक्त बनाया जा रहा है। पैक्सों को डेयरी, मत्स्य पालन, गोदाम, कस्टम हायरिंग केंद्र, उचित मूल्य की दुकानों, एलपीजी, डीजल, पेट्रोल की एजेंसी आदि सहित 25 से अधिक आर्थिक गतिविधियों को संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
इसके अतिरिक्त संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से पैक्सों को सीएससी के रूप में कार्य करने, एफपीओ बनाने, एलपीजी वितरण के लिए आवेदन करने, खुदरा पेट्रोल-डीजल पंप आउटलेट एवं जन औषधि केंद्र खोलने, उर्वरक वितरण केंद्रों के रूप में काम करने के लिए भी सक्षम बनाया जा रहा है।

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