सहकारी संस्थाओं में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चुनाव संपन्न कराने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं -सहकारिता राज्य मंत्री

सार 

Rajasthan Assembly : सहकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की ऐसी ग्राम सेवा सहकारी समितियां जिनमें व्यवस्थापक का पद रिक्त है, उनमें अन्य समिति के व्यवस्थापक को अतिरिक्त कार्यभार देकर अथवा संविदा पर कार्मिक रखकर कार्य कराया जा रहा है।

प्रश्नकाल में विधायक के मूल प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार (Rajasthan Assembly)

विस्तार 

जयपुर, 21 मार्च। प्रदेश की सहकारी संस्थाओं के चुनावों में विभागीय अधिकारियों एवं कार्मिकों को नियुक्त किया जाता है एवं इनके निष्पक्ष निष्पादन के लिए पुलिस प्रशासन का भी सहयोग लिया जाता है। सहकारिता राज्यमंत्री श्री गोतम कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि वर्तमान में सहकारी संस्थाओं में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चुनाव संपन्न कराने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव के लिए राजस्थान राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण का गठन किया हुआ है। सहकारी संस्थाओं में चुनाव की धांधली एवं अनियमितताओं के प्रकरण के संबंध में राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 58 में पंच निर्णायक नियुक्त किया जाता है।

सहकारिता राज्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में सदस्यता के लिए राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 एवं नियम 2003 में प्रावधान निर्धारित है। इसके अनुसार जो व्यक्तिगत समिति की सदयस्ता की पात्रता रखता है, उसे निर्धारित प्रपत्र में समिति को आवेदन करना होता है एवं निर्धारित हिस्से की राशि भी जमा करानी होती है। उन्होंने कहा कि जो समितियां कार्यक्षेत्र में सदस्यता के पात्र व्यक्तियों को सदस्यता देने से मना करती है, ऐसे प्रकरणों में रजिस्ट्रार के समक्ष अपील करने का प्रावधान है। रजिस्ट्रार द्वारा सम्बंधित पक्षों को सुनकर इस पर निर्णय लिया जाता है।

भर्ती की अभ्यर्थना प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी

इससे पहले विधायक श्री सुभाष मील के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सहकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की ऐसी ग्राम सेवा सहकारी समितियां जिनमें व्यवस्थापक का पद रिक्त है, उनमें अन्य समिति के व्यवस्थापक को अतिरिक्त कार्यभार देकर अथवा संविदा पर कार्मिक रखकर कार्य कराया जा रहा है। ग्राम सेवा सहकारी समितियों से रिक्त पदों पर भर्ती की अभ्यर्थना प्राप्त होने पर सहकारी भर्ती बोर्ड के स्तर से व्यवस्थापकों की भर्ती की कार्यवाही की जा सकेगी।

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