’सहकार से समृद्धि’ की पहलों को क्रियान्वित करने में अग्रणी जिलों को करें पुरस्कृत— प्रमुख शासन सचिव सहकारिता

सार 

Rajasthan : सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव श्रीमती मंजू राजपाल ने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ की पहलों को क्रियान्वित करने में अच्छा कार्य कर रहे जिलों को पुरस्कृत किया जाए, जिससे अन्य जिलों को भी मिले प्रोत्साहन 

सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल (File Photo Mkm News Rajasthan)

विस्तार 

जयपुर, 29 जुलाई। ‘सहकार से समृद्धि’ परिकल्पना की वीसी के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को वास्तविक और एनसीडी पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहे डेटा के बीच के अंतर को यथाशीघ्र दूर करने के निर्देश सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने दिए है । उन्होंने कहा कि एनसीडी पोर्टल आधारित सहकारी समितियों की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाकर पैक्स व्यवस्थापकों को प्रशिक्षित एवं जागरूक किया जाए।
शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष से वीसी के माध्यम से बैठक को सम्बोधित करते हुए श्रीमती राजपाल ने कहा कि पोर्टल पर रैंकिंग में 50 से कम अंक प्राप्त करने वाले पैक्स हमारे लिए चिन्ता का विषय होना चाहिए और इसमें सुधार के लिए सभी व्यावहारिक कदम उठाये जाने चाहिए। ट्रेनिंग मॉड्यूल से पैक्स व्यवस्थापक यह जान सकेंगे कि वे किन आधारों पर अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर रैंकिंग हेतु 5 प्रकार के मापदण्ड पहचान, गतिविधियां, भौतिक संरचना, वित्तीय प्रदर्शन एवं लेखा परीक्षण पर आधारित हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए एनसीडी पोर्टल पर डेटा प्रतिदिन अपडेट किया जाए। श्रीमती राजपाल ने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ की पहलों को क्रियान्वित करने में अच्छा कार्य कर रहे जिलों को पुरस्कृत किया जाए, जिससे अन्य जिलों को भी इनसे प्रोत्साहन मिले। इससे कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों के गैप्स की पहचान भी आसानी से हो पाएगी। 
प्रमुख शासन सचिव ने राष्ट्रीय स्तर पर गठित तीन बहुराज्यीय सहकारी समितियों की सदस्यता के बिन्दु पर समीक्षा करते हुए कहा कि भारतीय बीज सहकारी समिति लि. की सदस्यता समस्त फंक्शनल पैक्स द्वारा अनिवार्य रूप से ली जाए। अब तक 5 हजार से अधिक पैक्स द्वारा इसके लिए आवेदन किया जा चुका है, जो सराहनीय है। शेष रही लगभग 3600 पैक्स से भी शीघ्र आवेदन करवाया जाए, जिससे शत प्रतिशत लक्ष्य पूरे हो सकें। भविष्य में पैक्स को इसके कई लाभ मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लि. (NCOL) एवं राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. (NCEL) की सदस्यता का आंकड़ा भी सराहनीय है। अब तक एनसीओएल के लिए 528 एवं एनसीईएल के लिए 489 सहकारी समितियां आवेदन कर चुकी हैं। कोई भी क्रय-विक्रय सहकारी समिति इनकी सदस्यता से वंचित नहीं रहनी चाहिए। साथ ही, अच्छे पैक्स को भी इनकी सदस्यता के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि क्लस्टर लेवल फेडरेशन भी इन समितियों की सदस्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग से समन्वय किया जाए।  इस दौरान अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक श्री संजय पाठक, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (मा.सं.वि.) एवं सहकार से समृद्धि के नोडल अधिकारी श्री भोमा राम, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) श्री संदीप खण्डेलवाल एवं सहकार से समृद्धि के कंसल्टेंट श्री आर.एस. जोधा सहित अन्य अधिकारी नेहरू सहकार भवन स्थित कॉन्फ्रेंस रूम में उपस्थित रहे। जबकि, समस्त अतिरिक्त रजिस्ट्रार (खण्ड), केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक एवं जिला उप रजिस्ट्रार वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

4,140 पैक्स का प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में उन्नयन

श्रीमती राजपाल ने कहा कि अब तक लगभग 4,140 पैक्स का प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में उन्नयन किया जा चुका है। शेष पैक्स को भी इस दायरे में लाने के लिए रोडमैप बनाकर कार्य किया जाए। इस हेतु आगामी 15 दिवस के भीतर व्यवस्थापकों से प्रशिक्षण के लिए आवेदन करवाए जाएं तथा जो व्यवस्थापक ट्रेनिंग ले चुके हैं, उनके आवेदन फर्टिलाइजर लाइसेंस के लिए भिजवाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के अपडेशन के संबंध में एनसीडी पोर्टल पर गैप्स एक सप्ताह में दूर किए जाएं। साथ ही, तीन अतिरिक्त गतिविधि अंगीकृत करने वाली पैक्स की जिलेवार समीक्षा कर कार्ययोजना तैयार की जाए।
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