‘पेंशनर्स को दवाओं की डोर-स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था विकसित करें’
जयपुर, 08 जून। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी की स्थिति के दृष्टिगत किसानों को बड़ी राहत देते हुए फसल सीजन रबी 2020-21 की अल्पकालीन फसली ऋणों के भुगतान की अंतिम तिथि 30 जून से बढ़ाकर 31 अगस्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने आगामी सीजन के लिए अल्पकालीन फसल ऋणों के वितरण के काम में तेजी लाने और अधिक से अधिक किसानों को लाभांवित करने के भी निर्देश दिए हैं। श्री गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि कोरोना महामारी तथा इसके मद्देनजर आवागमन पर कई तरह के प्रतिबंधों के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है। ऎसे में, किसानों को फसली ऋण की अदायगी के लिए अतिरिक्त समय देने से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। बैठक के दौरान बताया गया कि सहकारिता विभाग ने इस वर्ष 16 हजार करोड़ रूपए के अल्पकालीन फसल ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अब तक लगभग 2,550 करोड़ रूपए के ऋण वितरित किए जा चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 9.71 लाख और 2020-21 के दौरान 3.91 लाख नए किसानों को ऋण वितरण प्रक्रिया से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष भी फसल ऋण वितरण का लाभ अधिकाधिक नए किसानों को देने का निर्देश दिया। श्री गहलोत ने कहा कि कॉनफेड एवं जिला उपभोक्ता भंडारों द्वारा चलाए जा रहे 410 दवा विक्रय केंद्रों पर ऑनलाइन सोफ्टवेयर स्थापित करने के साथ ही लाभार्थी पेंशनर्स को दवाओं की ‘डोर-स्टेप’ डिलीवरी की व्यवस्था विकसित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे वृद्ध अवस्था और कोरोना की स्थितियों के कारण पेंशनर्स को नियमित दवाओं की उपलब्धता में सहुलियत हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की गाढी कमाई हडपने वाली मल्टीस्टेट के्रडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज के द्वारा की गई अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए राज्य में विजिलेंस अथोरिटी को शीघ्र क्रियाशील करते हुए राज्य में कार्यरत क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज के लेखों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। श्री गहलोत ने जयपुर शहर में गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा आमजन के साथ धोखाधड़ी को रोकने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नगरीय विकास, सहकारिता एवं गृह विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन सोसायटीज के कारण जयपुर शहर के अनियोजित विकास पर सख्ती से लगाम लगाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए राज्य सरकार की कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 में फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस आदि के अधिक से अधिक प्रोजेक्टस स्वीकृत किए जाएं तथा इसके लिए किसानों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा विभिन्न रिक्त पदों पर भर्तियों की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। बैठक मेें बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स तथा बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए 50 हजार रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को गति देने के लिए वित्त, सहकारिता, स्वायत्त शासन तथा आयोजना विभाग के अधिकारी संयुक्त बैठक कर कार्ययोजना को अंतिम रूप दें। इस योजना के माध्यम से इस वित्त वर्ष में 5 लाख जरूरतमंदों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सहकारिता आन्दोलन को गति देने के लिए नवीन ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन के साथ-साथ सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण तथा उनके सशक्तीकरण की गतिविधियों को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने कहा कि विगत दो वर्षों में विभाग के माध्यम से 13 लाख से अधिक नए किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण योजना से लाभान्वित किया गया है। इस वित्त वर्ष में 3 लाख और नए किसानों को ऋण वितरण से जोड़ने का लक्ष्य है। प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं सहकारिता श्री भास्कर ए सावंत ने विभाग से संबंधित बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। रजिस्ट्रार सहकारी समितियां श्री मुक्तानंद अग्रवाल ने विभाग की प्रमुख योजनाओं एवं गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। बैठक में सहकारिता राज्यमंत्री श्री टीकाराम जूली, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसओजी श्री अशोक राठौड़, प्रबंध निदेशक राजफेड श्रीमती सुषमा अरोड़ा, सहकारिता विभाग तथा सहकारी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।