विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार आपकी मांगों को हर संभव पूरा करेगी
जयपुर, । प्रदेश के सरपंच संघ द्वारा अपनी मांगों के संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग श्री रोहित कुमार सिंह को शुक्रवार को ज्ञापन दिया के संबंध में सरपंच संघ की मांगों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर बैठक में शासन सचिव एवं आयुक्त, पंचायती राज श्रीमती मंजू राजपाल, शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं आयुक्त नरेगा श्री पी.सी. किशन, वित्तीय सलाहकार, पंचायती राज विभाग सहित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। श्री सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सरपंच संघ द्वारा ज्ञापन पर चर्चा कर कई मांगों पर सहमति बनी। ग्राम पंचायतों को पी.डी. खातों के माध्यम से ग्राम पंचायतों द्वारा लेन-देन में आने वाली व्यावहारिक कठिनाईयों के मद्देनजर मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार द्वारा लिए गये निर्णय अनुसार ग्राम पंचायतों द्वारा समस्त लेन-देन की व्यवस्था निजी निक्षेप खातों के स्थान पर पूर्व की भांति बैंक खातों के माध्यम से यथावत रहेगी और इस संबंध में विभाग द्वारा निर्देश जारी कर दिये गये हैं। पंचायती राज संस्थाओं को 29 विषयों में से 5 विषयों के ग्राम पंचायत स्तरीय समस्त कार्य, कर्मचारी एवं कोष ग्राम पंचायतों के नियंत्रण में दिये गये हैं एवं शेष 24 विषयों को भी पंचायती राज संस्थाओं को स्थान्तरित करने के संबंध में विभाग इस आशय से गठित समिति के माध्यम से वांछित कार्यवाही को गति प्रदान करते हुए ग्राम पंचायत स्तरीय समितियों में सरपंच की अध्यक्षता की मांग को संबंधित विभागों से निवेदन कर सहमति करवाने की कार्यवाही करेगा। ज्ञापन में राज्य वित्त आयोग पंचम की वर्ष 2019-20 की प्रथम किस्त, द्वितीय किस्त एवं प्रोत्साहन राशि को सम्मिलित करते हुए कुल राशि 2964.31 करोड़ के बजट प्रावधान के विरुद्ध विभाग आदिनांक 1456 करोड़ हंस्तातरित कर चुका है। द्वितीय किस्त की अनुदान राशि हस्तान्तरित करने के संबंध में मुख्यमंत्री ने राज्य पंचम राज्य आयोग की अनुशंसा अनुरूप आज शेष राशि 1100 करोड़ रिलीज किया गया है। विभाग प्रोत्साहन राशि के प्रस्ताव तैयार होने पर वित्त विभाग को शीघ्र प्रेषित करेगा। श्री सिंह ने बताया कि पंचम राज्य वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों में राज्य के स्वयं के शुद्ध कर राजस्व के 8.5 प्रतिशत हिस्से के आधार पर पंचायत राज संस्थाओं हेतु अनुदान उपलब्ध करवाने की अनुशंसा के अनुसार ही बजट प्रावधान किया गया है। षष्टम राज्य वित्त आयोग के गठन की प्रक्रिया विचाराधीन है। बैठक में महात्मा गांधी नरेगा योजना में विगत एक वर्ष से ज्यादा समय से लंबित सामग्री बिलों का भुगतान केन्द्र सरकार के बजट प्राप्त होते ही भुगतान कर दिया जावेगा, योजनान्तर्गत कैटेगरी-4 के कायोर्ं में किसानों के हितार्थ निराई, गुड़ाई एवं फसल कटाई सम्मिलित करने के संबंध में प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा। सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों में बीएसआर दरो में संवेदक का लाभाशं सम्मिलित रहता है इसके अनुरूप ही ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की बीएसआर दराें में भी 10 प्रतिशत संवेदक का लाभाशं सम्मिलित करने की मांग का परीक्षण किया जायेगा। ग्राम पंचायतों में करवाये जाने वाले निमार्ण कायोर्ं हेतु उपापन नियम 2013 में संशोधित किया जाकर ई-टेंडरिंग एवं टेंडरिंग प्रणाली से पूर्णतः छूट प्रदान करने एवं कायोर्ं की सामग्री का क्रय जिला स्तरीय दर निर्धारण समिति द्वारा विधिवत अनुमोदित की गई दरों से किया जाना अनुमत किये जाने के संबंध में यह तय हुआ कि राज्य सरकार के संवेदनशीन, जवाबदेह एवं पारदर्शी शासन देने के संकल्प के क्रम में ही भण्डार क्रय नियम एवं निविदा प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु आरटीपीपी अधिनियम, 2012 पारित किया गया है, इसके तहत ही ई-उपापन द्वारा कार्यवाही की जाना अपेक्षित है। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सिंह ने ग्राम पंचायतों में करवाये जाने वाले निर्माण कायोर्ं की गुणवत्ता में सुधार के लिए पंचायत समिति स्तर पर स्थापित प्रयोगशाला परीक्षण प्रणाली में सुधार के लिए प्रस्ताव पर विचार किये जाने का आश्वासन दिया। श्री सिंह ने बैठक में केन्द्र एवं राज्य सरकार से ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित राशि की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीति का 5 लाख की सीमा को समाप्त करने की मांग पर विभाग की एस.ओ.पी. के संशोधन की आवश्यकता का परीक्षण करवाने एवं कार्य की लागत के अनुसार स्वीति निकालने के समस्त अधिकार ग्राम पंचायतों को करने के लिए समायोजन हेतु पंचायत स्तर पर कैम्प लगाने का आश्वासन दिया। ग्रामीण जनता की सुविधा अनुसार प्रचलित रास्तों पर सड़क निर्माण एवं जनता को पेयजल की उपलब्धता करवाने हेतु टंकी, टांका, बोरिंग एवं हेडपंप का निर्माण भूखण्ड धारक की सहमति पत्र के आधार पर अनुमत किया जावे तथा पूर्व में निर्मित संड़कों के सहमति पत्र स्वीकृत करने के संबंध में श्री सिंह ने बताया कि इसके आदेश पूर्व में जारी है जो व्यवहारिक समस्या है उस संबंध में राजस्व विभाग से विचार किया जायेगा। जनता जल योजना सहित समस्त पेयजल योजनाएं जिनका सृजन ग्राम पंचायतों द्वारा नहीं किया गया के संचालन एवं विद्युत बिल के भुगतान के लिए श्री सिंह जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से वार्ता करके समस्या समाधान का आश्वासन दिया। वर्ष 2014 व 2019 में पंचायतों राज संस्थाओं के पुनर्गठन के बाद नवसृजित ग्राम पंचायतों में भवन एवं अन्य सुविधाओं के लिए नवीन पंचायत समिति, ग्राम पंचायत 2014 व 19 के नवसृजित ग्राम पंचायत के भवन निर्माण की कार्यवाही की जा रही है। नवसृजित ग्राम पंचायतों व अन्य ग्राम पंचायतों में ग्राम विकास अधिकारी के रिक्त 3896 पदों को भरने के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष श्री हरि प्रसाद शर्मा से श्री सिंह की वार्तानुसार अधीनस्थ बोर्ड द्वारा शीघ्र ही विज्ञप्ति जारी की जाएगी। बैठक में सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर 15 हजार मासिक, वार्ड पंचों, पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्यों का बैठक भत्ता बढ़ाने के संबंध में प्रस्ताव प्रशासनिक अनुमोदन के पश्चात वित्त विभाग को भेजने का निर्णय लिया गया। राज्य सरकार विभिन्न विभागों की तरह पंचायती राज संस्थाओं को भी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु सथानीय समचार पत्रों में निर्धारित राशि के विज्ञापन हेतु राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता के नियम 2013 के अन्तर्गत ही समाचार पत्रों में बोली आमंत्रण की सूचना का प्रकाशन करवाया जाना है। ग्राम पंचायतों के भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों पर इंटरनेट सेवा प्रदान करने के संबंध में श्री सिंह ने जांच कराने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षण के संबंध में श्री सिंह ने विश्वास दिलाया कि आईजीपीआरएस स्तर से सभी जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षण दिलाने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।