यूरिया-डीएपी के साथ टैंगिग कर अन्य उत्पाद बेचने पर होगी सख्त कार्यवाही

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जालोर 18 नवम्बर। कृषि आयुक्तालय, राज. जयपुर द्वारा यूरिया एवं डीएपी के साथ अन्य उत्पाद की टैंगिग करने वाले उर्वरक आपूर्ति कम्पनियों व अधिकृत उर्वरक विक्रताओं के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये है।
कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आर.बी. सिंह ने बताया है कि जिलें में इस वर्ष अच्छा मानसून रहने से रबी फसल बुवई का क्षेत्र बढ़ने एवं अग्रिम बुवाई के कारण उर्वरकों की मांग ज्यादा बढी है। किसानों की मांग के अनुसार समय पर उर्वरक उपलब्ध कराना जरूरी है जिसके लिए निरन्तर हर संभव प्रयास किए जा रहें हैं किन्तु कुछ आपूर्तिकर्ता कम्पनियों और उर्वरक विक्रेताओं द्वारा यूरिया एवं डीएपी के साथ सल्फर, नैनो यूरिया, हरबीसाईड पेस्टीसाईड, सूक्ष्म तत्व मिश्रण जैस अन्य उत्पादों की टैंगिग कर बेचना संज्ञान में लाया गया है, जो सर्वथा अनुचित है एवं एफसीओ 1985 एवं उर्वरक संचलन आदेश एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 का स्पष्ट उल्लघंन है। इस संबंध में कृषि आयुक्तालय, राज. जयपुर एवं केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय ने टैंगिग नहीं करने एवं टैंगिग करने के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए है।
उन्होंने जिले में कार्यरत उर्वरक आपूर्ति कम्पनियों व अधिकृत उर्वरक विक्रताओं को निर्देशित किया है कि वे यूरिया एवं डीएपी के साथ अन्य उत्पाद की टैंगिग नहीं करें तथा सभी उर्वरक विक्रेता अपने पास उपलब्ध उर्वरकों का स्टॉक मात्रा एवं मूल्य सूची प्रदर्शित किया जाना सुनिश्चित करें। यदि इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो एफसीओ, 1985 के तहत सख्त कार्यवाही की जायेगी।
उप निदेशक कृषि, डॉ. आर.बी. सिंह ने जिले में कार्यरत समस्त उर्वरक निरीक्षकों को अपने क्षेत्र में कार्यरत अधिकृत उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों व भण्डारगृहों का समय-समय पर निरीक्षण करते हुए सीजन के दौरान उर्वरक के विक्रय पर निरन्तर निगरानी रखने तथा उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की टैंगिग करने अथवा कालाबाजारी करने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं तथा बिना पीओएस मशीन के उर्वरको का विक्रय करने वाले विक्रताओं के विरूद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही करते हुए कृषि विभाग को सूचना भिजवाने के निर्देश दिये है।
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