31 जुलाई अंतिम तिथि : फसल बीमा कराने के लिए केवल 10 दिन, जिसमें भी 3 अवकाश

जालोर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में किसान के खेत में लहराती हुई बजारे की फसल।

हाइलाइट्स

21 जुलाई को जारी हुई थी अधिसूचना.
22 जुलाई, 23 जुलाई एवं 30 जुलाई को बैकिंग अवकाश
अब 31 अगस्त तक तिथि बढ़ाने की उठ रही मांग

जालोर । डिजिटल डेस्क I 25 जुलाई I प्रदेश में खरीफ सीजन 2023 व रबी सीजन 2023-24 के लिए गत शुक्रवार 21 जुलाई को फसल बीमा की अधिसूचना कृषि विभाग द्वारा जारी की गई थी । गत वर्ष की अपेक्षा एक माह से भी अधिक समय की देरी से जारी हुई अधिसूचना से किसानों को स्वैच्छिक फसल बीमा योजना के प्रावधान का लाभ लेने के लिए सिर्फ 6 घंटे का समय मिल पाया था । ऐसा इसलिए क्योंकि जारी बीमा अधिसूचना के मुताबिक, फसल बीमे की अंतिम तिथि से 7 दिन पहले तक फसल बीमा योजना से बाहर होने का विकल्प चुन सकते हैं। ऐसे में 22 जुलाई शनिवार व 23 जुलाई रविवार को बैंकिग अवकाश के चलते फसल बीमा से बाहर होने का विकल्प चुनने के लिए 24 जुलाई सोमवार को केवल 6 घंटे का समय मिल पाया । वही, किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए केवल 10 दिन का समय मिल पाया है। जबकि 30 जुलाई को रविवार के कारण बैंक में अवकाश रहेगा । इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि 7 दिन की समयावधी में ही किसानों को अपनी बोई गई फसल का बीमा कराना पड़ेगा । गौरतलब हैं कि खरीफ सीजन 2023 के लिए जारी अधिसूचना के अनुसार योजना में बीमा लेने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है।

केवल 6 घंटे का मिला समय

अधिसूचना से किसानों को स्वैच्छिक फसल बीमा योजना के प्रावधान का लाभ लेने के लिए सिर्फ 6 घंटे का समय मिल पाया । बीमा अधिसूचना के अनुसार फसल बीमे की अंतिम तिथि से 7 दिन पूर्व तक फसल बीमा योजना से बाहर होने का विकल्प चुन सकते हैं। वही, 22 जुलाई व 23 जुलाई को बैंकिंग अवकाश के कारण किसानों को बीमा से बाहर होने के लिए सोमवार को केवल 6 घंटे का समय ही मिल पाया था ।

किसान फसल बीमा से बाहर होने के लिए अपने ऋणदाता बैंक में 24 जुलाई को इस OPT OUT आवेदन फॉर्म को भरकर जमा करवा सकते थे ।

बीमा में 7 फसलें शामिल

जालोर जिले में खरीफ फसल के लिए 7 फसलों को अधिसूचित किया है। जिसमें बाजरा, मूंग, तिल, ज्वार, कपास, मूंगफली, ग्वार की फसलें शामिल हैं। फसल बीमा क्लेम निर्धारण के लिए गारंटी उपज वर्ष 2015 से 2021 की बीच के पांच वर्षों की श्रेष्ठ उत्पादन का औसत माना गया है। व्यक्तिगत बीमा क्लेम के अतिरिक्त अन्य सभी किसानों को फसल कटाई प्रयोग से ज्ञात वास्तविक उपज को गारंटी उपज में से घटाने पर आकलित नुकसान के अनुसार बीमा क्लेम तय होगा।

बीमा लेने के लिए केवल 10 दिन का समय

फसल बीमा अधिसूचना देरी से जारी होने का खामियाजा केवल बीमे से बाहर होने का विकल्प चुनने वाले किसानों को ही नही बल्कि अऋणी व बंटाईदार किसानों को भी होगा जो अपने स्तर पर फसल बीमा करवाते हैं। बीमा अधिसूचना देरी से जारी होने के कारण किसानों को बीमा लेने के लिए केवल 10 दिन का ही समय मिला है। उसमें भी 3 दिन अवकाश है। ऐसे में अऋणी किसानों व बंटाईदार किसानों को जमाबंदी तथा मूल निवास प्रमाण पत्र सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज जुटाने में समय लगेगा जिससे उनके बीमा लेने से वंचित रहने की आशंका है।

मौसम आधारित चार फसलें

जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित 7 फसलों के अतिरिक्त मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत 4 फसलों को अधिसूचित किया है। जिसमें हरी मिर्च, अनार, टमाटर एवं अरण्डी की फसलों को शामिल किया है। गत अरण्डी व अनार की फसल में पाला गिरने से बड़ा नुकसान हुआ था।

तिथि बढाने की उठ रही हैं मांग

जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Village Service Cooperative Societies) के माध्यम से ऋण लेने वाले ऋणी किसानों का विभागीय नियमानुसार बीमा करने की अनिवार्यता के चलते सहकारी समितियों में कार्यरत कार्मिकों के संगठन राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ (Rajasthan Cooperative Employees Union) की जिला इकाई और ब्लॉक इकाईवार ज्ञापन देकर फसल बीमा पोर्टल में आ रही तकनीकी समस्या का निस्तारण करने के साथ-साथ फसल बीमा योजना की तिथि 31 अगस्त तक बढाने की मांग उठाई है ।

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