सार
Rajasthan : ग्राम सेवा सहकारी समिति (GSS) स्तर पर “ब्याज मुक्त योजना” के तहत फसली सहकारी ऋण (ST Loan) वितरण एवं वसूली कार्य के लिए सृजित हैं FIG Portal, जिसमें सर्वर की बनी रही दो माह तक समस्या, इसी के कारण अब ढाई लाख किसानों को 900 करोड़ के ऋण के साथ भुगतना पड़ेगा ब्याज के रूप में 80 करोड़ का हर्जाना

विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 8 जुलाई | प्रदेश के सहकारिता विभाग में कॉरपोरेट घराने से ताल्लुक रखने वाले अधिकारियों द्वारा वर्ष 2019 में फसली सहकारी ऋण व्यवसाय के लिए लागू एफआईजी पोर्टल की सर्वर समस्या के सबब से गांवों में बैठे लाखों किसानों पर बड़ी मार पड़ी है। दरअसल, ग्राम सेवा सहकारी समितियों में रबी ऋण जमा करवाने की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित थी, लेकिन मई एवं जून माह में एफआईजी पोर्टल की निरंतर सर्वर डाउन समस्या बनी रही। इसके चलते ढाई लाख किसान अपना अल्पकालीन फसली ऋण सहकारी समितियों में जमा नहीं करवा सके। सरकार की बजट घोषणा के अनुरुप ग्राम सेवा सहकारी समितियों (GSS) की ओर से यह ऋण किसानों को “ब्याज मुक्त योजना” के तहत जीरो फीसदी ब्याज दर पर गत रबी सीजन में मुहैया कराया गया था । हालांकि प्रदेशभर में 900 करोड़ रुपए का ऋण अवधिपार हो गया है। इस राशि पर अब ढाई लाख किसानों को 7 फीसदी ब्याज और 2 फीसदी पेनल्टी जमा करवानी होगी। इस हिसाब से इन किसानों पर 80 करोड़ रुपए की मार पड़ेगी।
असर अपेक्स बैंक तक; किसानों को दोहरा नुकसान…नया ऋण नहीं मिलेगा
- एफआईजी नहीं चलने के कारण किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी। एक तो पुराना ऋण ब्याज और पेनल्टी के साथ चुकाना पड़ेगा। अन्यथा खरीफ के लिए नया ऋण नहीं मिलेगा।
- एफआईजी नहीं चलने के कारण उपजे इन हालात का ग्राम सेवा सहकारी समितियों से लेकर सीसीबी और अपेक्स बैंक तक असर पड़ेगा। ग्राम सेवा सहकारी समितियों में समय पर वसूली नहीं होने से यह राशि अपने संसाधनों से केंद्रीय सहकारी बैंकों को देनी होगी और अपेक्स बैंक यह पैसा नाबार्ड को चुकाएगा।
27 लाख किसानों को रबी सीजन में वितरित हुआ था 11 हजार करोड़ का फसली ऋण
राज्य सरकार की “ब्याज मुक्त योजना” के तहत गत रबी सीजन में प्रदेश के करीब 27 लाख किसानों को ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से 11 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया गया था । दरअसल, सहकारिता विभाग के पंजीयक कार्यालय द्वारा वर्ष 2019 में अल्पकालीन फसली ऋण पंजीयन एवं वितरण-वसूली के लिए नई पॉलिसी बनाकर ग्राम सेवा सहकारी समितियों में एफआईजी पोर्टल लागू किया गया था । इसके बाद ऋण अदायगी और ऋण वितरण दोनों काम समिति स्तर पर एफआईजी के माध्यम से ही निष्पादित होते हैं ।

एफआईजी नहीं चलने की थी जानकारी
प्रदेश में ब्याज मुक्त योजना के तहत किसानों को फसली सहकारी ऋण वितरण करने वाली नोडल राजस्थान राज्य सहकारी बैंक और सरकार दोनों को एफआईजी नहीं चलने की जानकारी होने के बावजूद आज 8 जुलाई तक ऋण अदायगी की अवधि बढ़ाने का निर्णय नहीं लिया गया हैं । जबकि नेता प्रतिपक्ष ने सहकारिता मंत्री को तथा केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशकों ने शीर्ष सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक को एफआईजी नहीं चलने के मामले में पत्र लिखकर अवगत कराया था ।
ऋण चुकारे की बढ़ाई जाएं तिथि
एफआईजी पोर्टल मे नेटवर्क की तकनीकी समस्या के कारण धीमे चलने या बन्द होने के चलते राज्य भर में किसानों सहित पैक्स व सीसीबी कार्मिकों को भारी परेशानी व असुविधा से कार्य बाधित रहा है। वही तिथि बढ़ाने के संबंध में सहकारिता मंत्री और सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखा गया है ।
– सूरजभान सिंह आमेरा, प्रांतीय महासचिव, ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलॉइज यूनियन
मामला उच्च स्तर का हैं
प्रदेश में एफआईजी पोर्टल की निरंतर सर्वर डाउन की समस्या के चलते किसान अपना अल्पकालीन फसली ऋण जमा नहीं करवा पाएं । ऋण वसूली के समय एफआईजी पोर्टल नहीं चलने की समस्या को लेकर यूनियन ने उच्च स्तर को अवगत करा दिया था, लेकिन उनकी तरफ से एफआईजी पोर्टल में कोई विशेष सुधार नहीं करने के चलते किसानों को मय ब्याज राशि चुकानी पड़ेगी । तिथि बढ़ाना सरकार स्तर का निर्णय हैं ।
-हनुमानसिंह राजावत, प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान बहुउद्देशीय सहकारी सोसायटी कर्मचारी यूनियन जयपुर