चौपट हुई फसलों की नहीं हो रही गिरदावरी और क्रॉप कटिंग

सांचौर जिले के एक गांव के खेत में झुलसी हुई फसल

हाइलाइट्स

सांचौर जिले के अमुमन गांव अकाल के साये में
पटवारी पेन डाउन हड़ताल पर, सरकार के पास नहीं कोई विकल्प

सांचौर | डिजिटल डेस्क | 9 सितम्बर |  आमजन का पेट भरने वाले किसान इन दिनों खून के आंसू रो रहे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। पटवारी पेन डाउन हड़ताल पर हैं और प्रशासन मूक दर्शक बनकर देख रहा है ।
इस वर्ष जून माह में अच्छी बारिश के चलते सांचौर क्षेत्र में मूंग, ग्वार, बाजरा व मोठ की बम्पर बुवाई हुई। फसल पकने के समय बारिश की कमी से अधिकत्तर फसलें झुलसकर चौपट हो गई। मूंग व मोठ की फसल में पौधा तो बना, लेकिन उसमें फली व मूंग के दाने नहीं बन पाए, ऐसे में फसलों की कटाई व थ्रेसिंग करवाने की भी मजबूरी के चलते किसान को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। फसल की जगह केवल चारा प्राप्त हो रहा है।
दूसरी ओर जिन किसानों ने फसल बीमा करवा रखा है, उनके पास गिरदावरी रिपोर्ट नहीं है। फसल गिरदावरी के लिए पिछले छह माह से ऑनलाइन गिरदावरी साइट बंद पड़ी है। हालांकि राज्य सरकार ने किसान गिरदावरी एप के माध्यम से किसानों को स्वयं गिरदावरी करने का विकल्प तो दिया है, लेकिन इस एप में तकनीकी खामियों व किसानों के पास तकनीकी ज्ञान के अभाव में गिरदावरी नहीं हो रही। ऐसे में सवाल यह उठता है कि किसानों को फसल बीमा का लाभ कैसे मिलेगा?

एप में आ रहे एरर, किसान कैसे करें गिरदावरी

सरकार ने एप तो लांच कर दिया पर इसमें तकनीकी खामियों की वजह से पूरी प्रक्रिया करने के बाद सबमिट करने के दौरान एरर आ रहा है। इससे गिरदावरी नहीं हो रही है। प्रशिक्षण व प्रचार-प्रसार के अभाव में किसान इस एप का उपयोग ही नहीं कर पा रहा है। कई किसानों के पास तो स्मार्टफोन भी नहीं है तो वह फसल की गिरदावरी कैसे करेंगे। ऐसे में किसान के पास गिरदावरी प्राप्त करने का कोई विकल्प नहीं है।

न क्रॉप कटिंग हुई और न ही गिरदावरी

नियमानुसार पटवारी खेत के निश्चित भाग में फसल कटाई प्रयोग करतें है। कटाई के बाद उस फसल की थ्रेसिंग की जाती है और फसल प्राप्त की जाती है। उसी के आधार पर फसल उत्पादन का अनुमान लगाया जाता है और बीमा क्लेम किया जाता है। इस बार पटवारी व भू-निरीक्षक हड़ताल पर होने की वजह से फसल कटाई प्रयोग हुआ ही नहीं तो आखिर किस आधार पर फसल उत्पादन का आकलन किया जाएगा और फसल बीमा क्लेम दिया जाएगा इसका जवाब किसी के पास नहीं हैं।

सरकार मुआवजे की करे घोषणा

सांचौर जिले के अमुमन गांव अकाल के साये में है। अधिकतर फसलें चौपट हो गई है, ऐसे में किसानों की मांग है कि सरकार कम से कम 80 फीसदी फसल खराबा मानकर मुआवजे की घोषणा करें, ताकि किसान की कमर टूटने से बच जाए।

अधिकत्तर खेतों में फसल चौपट हो गई है । खेती में मुनाफे की जगह घाटा हुआ है। किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। मजदूरी व लागत के मुकाबले आधी से भी कम आय हुई है। क्रॉप कटिंग के लिए कोई कर्मचारी खेत में नहीं आया इसमें किसान का क्या दोष है, लेकिन इसका खामियाजा किसान को भुगतना पड़ेगा। सरकार को जल्द से जल्द मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए।
-बाबुदास, कनीराम, घेवराराम पुरोहित किसान परावा

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