
नई दिल्ली I डिजिटल डेस्क I 8 सितम्बर I केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज नई दिल्ली में राज्य सहकारिता मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। अमित शाह ने कहा कि हमने अगले 5 वर्षों में 3 लाख पैक्स स्थापित करने का निर्णय लिया है। श्री शाह ने कहा कि सक्रिय सदस्यता, नेतृत्व की पेशेवर क्षमता, पारदर्शिता, जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में इस समय 65 हजार प्राथमिक कृषि ऋण समितियां काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्षों में तीन लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियां स्थापित करने का फैसला किया है। श्री शाह ने कहा कि बंद पड़ी समितियों को जल्द से जल्द समाप्त किया जाना चाहिए ताकि नई समितियों का गठन किया जा सके।
पैक्स को लिक्विडेट करके वहां नए पैक्स बनाए
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि डिफंक्ट पैक्स को जल्दी से जल्दी लिक्विडेट करके वहां नए पैक्स बनाए जाएं क्योंकि जब तक पुराने पैक्स का अस्तित्व है जब तक आप नए पैक्स नहीं बना पाएंगे। मोदी सरकार एक नीतिगत विचार भी कर रही है कि अभी तक पैक्स सिर्फ शॉर्ट टर्म फाइनेंस कर रहे हैं लेकिन अब पैक्स मध्यम और लॉन्ग टर्म फाइनेंस भी करें, भले ही खेती बैंक के माध्यम से करें। इसके लिए भी पैक्स को अधिकृत करने का एक विचार चल रहा है।
3 लाख पैक्स स्थापित करने का लक्ष्य
अमित शाह ने कहा, ’वर्तमान में 65,000 सक्रिय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (Pacs) हैं। हमने अगले 5 वर्षों में 3 लाख पैक्स स्थापित करने का निर्णय लिया है। 2.25 लाख पंजीकरण का लक्ष्य रखा गया है। उप-नियमों को जल्दी से अपनाएं और पैक्स को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम करें।’ जानकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सहकारी रजिस्ट्रार सहित देश की सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए प्रतिनिधि शामिल हुए। बता दें कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारी नीति का मसौदा तैयार करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि मसौदा तैयार करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की कमेटी गठित की जाएगी।
राष्ट्रीय सहकारी नीति बनाने पर चर्चा
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति का मसौदा तैयार करने के लिए समिति गठित की जाएगी। इसमें हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु समिति के अध्यक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि इस नीति का फोकस मुफ्त पंजीकरण, कम्प्यूटरीकरण, लोकतांत्रिक चुनाव, सक्रिय सदस्यता सुनिश्चित करना, नेतृत्व और पारदर्शिता में व्यावसायिकता लाने पर होगा। सम्मेलन में सभी हितधारकों के साथ की चर्चा की गई।