सार
प्रदेश की 5492 पैक्स को भी कंप्यूटराइज्ड किया जाना प्रस्तावित है। जिसमें से 1260 पैक्स का ईआरपी ट्रायल रन पूर्ण होने के पश्चात प्रदेश की 4232 पैक्स ईआरपी ट्रायल रन से शेष होने पर, दी राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक ने एक आदेश जारी कर सीसीबीवार साप्ताहिक पैक्स ईआरपी ट्रायल रन करने के लक्ष्य आंवटित किए है।
विस्तार
Rajasthan News | जयपुर । भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय (Ministry of Cooperation) की ओर से देशभर की 60 हजार से ज्यादा प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियां यानि पैक्स (Pacs) को कम्यूटराईजेशन के माध्यम से डिजीटल किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत प्रदेश की 5492 पैक्स को भी कंप्यूटराइज्ड किया जाना प्रस्तावित है। जिसमें से 1260 पैक्स का ईआरपी ट्रायल रन पूर्ण होने के पश्चात प्रदेश की 4232 पैक्स ईआरपी ट्रायल रन से शेष होने पर, दी राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (The Rajasthan State Co-operative Bank) ने एक आदेश जारी कर सीसीबीवार साप्ताहिक पैक्स ईआरपी ट्रायल रन करने के लक्ष्य आंवटित किए है। अपेक्स बैंक (Apex Bank) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न समीक्षा बैठक में पैक्स कम्प्यूटराईजेशन योजना अन्तर्गत कार्य की धीमी गति को देखते हुए सहकारिता विभाग पंजीयक द्वारा साप्ताहिक आधार पर पैक्स ईआरपी ट्रायल रन के लक्ष्य दिये जाकर उक्त लक्ष्यों की समीक्षा कर प्रगति में आ रही समस्याओं से लगातार उच्च स्तर को अवगत करवाने के निर्देश दिए गए है।
संस्थापन व्यय तक का अभाव
प्रदेश की कई प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियों में पिछले वर्षो से सहकारी बैंकों व सहकारी समितियों में के मध्य बढ़ते असंतुलन और ऋण माफी के पश्चात अल्पकालीन फसली ऋण वितरण में कटौती के चलते घटते ब्याज मार्जिन से सहकारी समितियों के संस्थापन व्यय तक का अभाव बना हुआ है। ओर-तो-ओर समितियों में स्टेशनरी खरीदने तक का बजट नहीं है। गौरतलब हैं कि सहकारी बैंकों व ग्राम सेवा सहकारी समितियों के मध्य बढ़ते अंसतुलन को नियत्रिंत करने के मामले में कोई बड़ा कदम उठाने की जगह जिम्मेदार केवल कमेटी गठन और पुर्नगठन पर जोर दे रहें है। वही, पिछले 4 माह पहले गठित कमेटी की दो बार बैठक आयोजित होने के बावजुद परिणाम शुन्य है।