सार
Rajasthan : राज्य की ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय-विक्रय सहकारी समितियों की बढ़ेगी भंडारण क्षमता, 250 मैट्रिक टन क्षमता के लिए व्यय होंगे प्रति समिति 16 लाख तथा 500 मैट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम पर व्यय होगें प्रति समिति 25 लाख रुपए

विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 26 जून | प्रदेश में भंडारण की क्षमता में वृद्धि करने के लिए राज्य की 21 ग्राम सेवा सहकारी समितियों (GSS) में 250-250 मीट्रिक टन के गोदाम निर्माण किए जाएंगे, इसी तरह प्रदेश की 11 क्रय-विक्रय सहकारी समितियां (KVSS) तथा 15 ग्राम सेवा सहकारी समितियों (GSS) में 500-500 मीट्रिक टन के गोदाम निर्माण करवाया जाएगा । जिसके लिए सहकारिता विभाग पंजीयक (Registrar) की ओर से स्वीकृति जारी कर दी गई है, इससे न केवल उपज के भण्डारण की क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि किसानों को समय पर कृषि आदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में गोदामों का उपयोग हो सकेगा। गौरतलब है कि सरकार की प्राथमिकता हर ग्राम सेवा सहकारी समिति में गोदाम का निर्माण करना है। इन 47 सहकारी समितियों में बनने वाले इन गोदामों पर 9 करोड़ 86 लाख रूपए व्यय किए जाएंगे। इनमें 250 मैट्रिक टन क्षमता वाले 21 गोदामों के निर्माण के लिए प्रति सहकारी समिति 16 लाख रुपए व्यय होंगे । इसी प्रकार 500 मैट्रिक टन क्षमता वाले 26 गोदामों के लिए प्रति सहकारी समिति 25 लाख की राशि राज्य सरकार स्तर से वहन की जाएगी ।
सहकारी संस्थाओं को 4 माह में पूरा करना होगा गोदाम निर्माण का कार्य
सहकारिता विभाग पंजीयक (Registrar) की ओर से जारी स्वीकृति के अनुसार, सहकारी संस्थाओं को 4 माह की समय अवधि में गोदाम निर्माण का कार्य पूरा करना होगा। गोदाम निर्माण कार्य में पारदर्शिता बनाने के लिए सहकारी समिति के स्तर पर चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो कि गोदाम निर्माण के लिये आवश्यक सामग्री के क्रय के लिए उत्तरदायी होगी। ऐसे में किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना न के बराबर होगी। साथ ही संबंधित जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक एवं जिला इकाई उप रजिस्ट्रार की टीम द्वारा समय-समय पर निर्माण कार्य का पर्यवेक्षण भी किया जाएगा। जिससे अच्छी गुणवत्ता वाले गोदामों का निर्माण हो सकेगा।

इन 21 जीएसएस में निर्मित होंगे 250 मीट्रिक टन के गोदाम
सहकारिता विभाग पंजीयक की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, चित्तौड़गढ़ जिले की उपरेडा, बोरदा, खातीखेडा, बावलास, सिरोही जिले की भैरुगढ, भीलवाड़ा जिले की माण्डलगढ, मोखूंदा, जालोर जिले की चुण्डा, डूंगरवा, सीकर जिले की मण्डावरा, झुंझुनू जिले की लालपुर इसी प्रकार, करौली जिले की तिमावा, प्रतापगढ़ जिले की अक्षयपुर, सेवना, मण्डावरा, बरडिया तथा जयपुर जिले की तेज्या का बास, जाटावाली, जोधपुर की लोर्डिया, बीकानेर जिले की 66 आरडी, कोटा जिले की खातौली में 250-250 मीट्रिक टन के गोदाम निर्मित होंगे।
इन 26 समितियां में निर्मित होंगे 500 मीट्रिक टन के गोदाम
सहकारिता विभाग पंजीयक की ओर से जारी आदेश के अनुसार, श्रीगंगानगर जिले की 2डीओएल, घमूडवाली, 12एम.एल.डी., पनियावाली, हनुमानगढ़ जिले की भैरुसरी, किकरालिया, छानीबडी, बूंदी जिले की भीया, माधोराजपुरा, चित्तौडगढ की चावडिया तथा उदयपुर की सिंधु, जयपुर की मौजमाबाद, नागौर की गेमलियावास, झुंझूनू की भाटीवाड, झालवाड़ की गुराडियाकंला ग्राम सेवा सहकारी समिति के अलावा अजमेर की सरवाड केवीएसएस, भरतपुर की नदबई और डीग केवीएसएस, बीकानेर की कोलायत केवीएसएस, श्रीगंगानगर की घडसाना केवीएसएस, फलौदी की बाप केवीएसएस एवं फलौदी केवीएसएस, जोधपुर की पीपाडसिटी केवीएसएस, प्रतापगढ़ की प्रतापगढ़ केवीएसएस, कोटा की सुल्तानपुर केवीएसएस, जयपुर की शाहपुरा केवीएसएस में 500-500 मीट्रिक टन के गोदाम निर्मित होंगे।