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Rajasthan : ईशरराम डूडी पुनः चुरु पीएलडीबी में अध्यक्ष निर्वाचित होने पर सहकार नेता आमेरा ने दी बधाई
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जयपुर । डिजिटल डेस्क | 26 अक्टूबर | प्रदेश की चूरु प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक में ईशरराम डूडी के पुनः अध्यक्ष निर्वाचित होने पर ऑल इंडिया को ऑपरेटिव बैंक एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाइज यूनियन व ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रान्तीय महासचिव सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने ईशरराम डूडी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं, साथ ही, आमेरा ने चूरु पीएलडीबी में कानूनी मशक्कत के बाद पुनः लोकतांत्रिक स्वरूप बहाल होने पर खुशी जाहिर की हैं,

सहकार नेता ने प्रदेश की सभी पीएलडीबी के समस्त निर्वाचित बोर्ड के सहकार जन प्रतिनिधियों से दीर्घकालीन सहकारी साख आंदोलन में पीएलडीबी के आर्थिक पुनरुद्धार कार्य योजना से उनकी आर्थिक मजबूती के लिए सरकार में मज़बूत पैरवी करने व प्रभावी भूमिका निभाने की ज़रूरत बताई है । वही सहकार नेता ने राज्य सरकार एवं सहकारी निर्वाचिन प्राधिकरण से प्रदेश के समस्त सहकारी बैंकों एवं सहकारी संस्थाओं में पैक्स से लेकर अपेक्स तक चुनाव करवाकर लोकतांत्रिक स्वरुप बहाल करने की मांग रखी हैं, उन्होने कहा कि राज्य में सहकारी आंदोलन की मजबूती, सहकारी संस्थाओं का विकास, सहकारिता की मजबूत पैरवी, सहकार नेतृत्व का सतत विकास एवं सहकारिता को जन आंदोलन बनाकर सहकारिता से समृद्धि के लिए राज्य की समस्त सहकारी बैंकों एवं सहकारी संस्थाओं में पैक्स से लेकर अपेक्स तक चुनाव करवाकर निर्वाचित बोर्ड कायम किए जाने की बड़ी जरुरत एवं समय की मांग हैं ।
पिछड़ने का कारण सतत चुनाव नहीं
सहकार नेता सूरजभानसिंह आमेरा ने बताया कि सहकारिता में प्रजातांत्रिक प्रबंधकीय व्यवस्था संस्थाओं की मूल आत्मा होती है, वही सहकारिता को जन भागीदारी से जन आधारित जन आंदोलन बनाने के लिए सहकारी संस्थाओं में चरणबद्ध समय पर चुनाव होना बहुत जरूरी हैं । सहकार नेता के मुताबिक राजस्थान के सहकारी आंदोलन एवं सहकारी नेतृत्व के गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु एवं आन्ध्रप्रदेश जैसे सहकारी समृद्ध राज्यो से पिछड़ने का मूल कारण राज्य में सहकारिता के सतत चुनाव नहीं होना हैं, उन्होने कहा कि सरकारी लाल फीताशाही में प्रदेश की सहकारी संस्थाएँ यथा स्पिनफैड, आवासन संघ, कॉटन कॉम्प्लेक्स आर्थिक रूप से कमजोर होकर लगातार अवसायन में जा रही है । राज्य में सहकारी पैक्स व सहकारी भूमी विकास बैंकों की आर्थिक माली हालत गम्भीर चिंता का विषय बनी हुई है ।