
जयपुर, 20 सितम्बर। राज्य विधानसभा ने मंगलवार को राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
प्रारम्भ में सहकारिता मंत्री श्री आंजना उदयलाल ने विधेयक सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई चर्चा के बाद सहकारिता मंत्री ने इसके उद्देश्यों व कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संशोधित विधेयक में सहकारी समितियों के दक्ष कार्यक्ररण के लिए लंबी सेवा वाले एवं अनुभवी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 28 की उप धारा (7-क) को हटाया गया है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 (2002 का अधिनियम सं. 16) की धारा 28 की विद्यमान उप-धारा (7-क) यह उपबंध करती थी कि कोई भी व्यक्ति समिति के सदस्य के रूप में निर्वाचन के लिए पात्र नहीं होगा, यदि वह राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2016 (2016 का अधिनियम सं. 11) के प्रारंभ के पश्चात् उसी सोसाइटी की समिति के सदस्य के रूप में लगातार दो बार के लिए निर्वाचित या सहयोजित किया जा चुका है, जब तक कि ऎसी समिति के सदस्य के रूप में उसका दूसरा कार्यकाल समाप्त होने की तारीख से पांच वर्ष की कालावधि व्यतीत नहीं हो चुकी है। इससे पहले विधेयक को सदस्यों द्वारा प्रचारित करने के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
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