सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों का, जो पूर्व में कैडर बना था, वो नहीं होगा लागू, विभाग ने किया साफ इनकार

विभाग ने बताया कि सहकारी बैंकों में पदोन्नति कर ऋण पर्यवेक्षक लगाए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।

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हाइलाइट्स

विधायक रामलाल शर्मा के सवाल पर सहकारिता विभाग ने लिखित में दिया जवाब .
पूर्व में बना कैडर नहीं हो सकता लागू
ऋण पर्यवेक्षक लगाए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन

जयपुर । डिजिटल डेस्क I 24 जुलाई I प्रदेश की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों का, जो पूर्व समय में कैडर बना था । वो अब लागू नहीं होगा, क्योकि खुद सहकारिता विभाग (Cooperative Department) ने विधानसभा में इससे साफ इनकार कर दिया है। दरअसल, विधायक रामलाल शर्मा ने सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों का पूर्व बने कैडर और सहकारी बैंकों में ऋण पर्यवेक्षक पदों पर पदोन्नति के संबंध में सवाल पुछा था, सहकारिता विभाग (Cooperative Department) ने लिखित में जवाब दिया कि सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों के पूर्व में बने कैडर को लागू करने पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। साथ ही, विभाग ने बताया कि सहकारी बैंकों में पदोन्नति कर ऋण पर्यवेक्षक (Loan Supervisor) लगाए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। इससे साफ नजर आ रहा हैं कि जो कैडर अथॉरिटी पूर्व समय में बनाई गई थी, वो लागू नहीं हो सकती है।

एल.एस के रास्ते साफ

विधानसभा में विभाग द्वारा दिए गए प्रतिउत्तर के मुताबिक, व्यवस्थापकों को जल्द ही सहकारी बैकों में ऋण पर्यवेक्षक यानि एल.एस पद पर पदोन्नति का लाभ मिलने वाला है। हालांकि विभाग ने यह साफ नहीं किया हैं कि कब तक यह पदोन्नति की जाएगी । लेकिन विभाग ने इतना साफ जरुर कर दिया हैं कि ऋण पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति की कार्यवाही विचाराधीन है। गौरतलब हैं कि स्थाई ऋण पर्यवेक्षक नहीं होने से सहकारी बैकों में व्यवस्थापकों को कार्यवाहक ऋण पर्यवेक्षक बनाया जाता है।

आखिर क्यों बनाया जाता हैं कैडर

मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व समय में, जो कैडर अथॉरिटी बनी थी, उसमें पांच सदस्य शामिल होते थे । प्रदेश की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों की नियुक्ति से लेकर स्थानांतरण का कार्य कैडर अथॉरिटी का होता था ।

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