पैक्स और सीसीबी के मध्य बढ़ते असंतुलन को दूर करने वाली कमेटी खुद असंतुलित होकर रह गई

सार 

Rajasthan : दो साल पहले पैक्स और सीसीबी के मध्य बढ़ते असंतुलन को जानने के लिए बनी थी कमेटी.. अतिरिक्त रजिस्ट्रार से लेकर शीर्ष सहकारी बैंक और सीसीबी के अधिकारी एवं पैक्स कार्मिक थे कमेटी में शामिल

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विस्तार 

जयपुर । डिजिटल डेस्क | 24 अगस्त | प्रदेश में पैक्स के नाम से विख्यात हुई ग्राम सेवा सहकारी समितियां इन दिनों केवल कागजों में ही विकसित भारत का निर्माण करने में सहायक साबित हो रही हैं । यूं तो राज्य का सहकारिता विभाग अपनी मनमाफिक नीतियों से ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) को उभारने प्रयास में लीन हैं । तभी तो राज्य में कभी-कभार अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस की संगोष्ठी में कागजी कार्यवाही में मॉडल स्टेट बनाने के दावे सुनाई पड़ते हैं । लेकिन आकड़ों पर नजर दौड़ाई जाएं, तो हकीकत कुछ ओर ही निकल कर सामने आ रही हैं ।

आज राजस्थान में 50 फीसदी ग्राम सेवा सहकारी समितियां (Pacs) में मानव संसाधन की कमी बनी हुई हैं । इतना ही नहीं फसली ऋण व्यवसाय में लागू बायोमेट्रिक पद्धति” के बाजूवद सीसीबी और पैक्स में निरंतर असंतुलन बढ़ रहा हैं, यह हालात राज्य की एक या दो नहीं बल्कि एक तिहाई यानि 1800 से ज्यादा ग्राम सेवा सहकारी समितियां के हैं, जो बढ़ते असंतुलन के कारण कंगाली के दौर में पहुंच कर रह गई हैं ।

दरअसल, केंद्रीय सहकारी बैंकों (CCB) और ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) के मध्य बढ़ते असंतुलन (Imbalance) को लेकर राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) द्वारा अतिरिक्त रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाली दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था । लेकिन वह कमेटी भी “जी हुजूरी” की भेंट चढ़ रह गई । यही कारण हैं कि छिटपुट बैठकों के बावजूद उस कमेटी की पिछले दो साल से रिपोर्ट नहीं आ पाई हैं। संभवतः कमेटी भी सुझाव और असंतुलन को नियंत्रण करने के कारण जानने के लिए इच्छुक नहीं थी । शायद यही मंशा रही होगी, तभी तो कमेटी बनाने वाले अधिकारी के तबादले के बाद नये अधिकारी ने उस कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करना तो दूर, पदस्थापन के बाद उस कमेटी की बैठक कार्यवाही भी सार्वजनिक नहीं की हैं । यहां तक कि उस कमेटी में शामिल सदस्यों को भी बैठक कार्यवाही का विवरण भी आज तक उपलब्ध नहीं करवाया गया हैं ।

दो साल पहले कमेटी की बैठक आयोजित (File Photo MKM News Rajasthan)

2 साल पहले कमेटी का गठन

प्रदेश में केन्द्रीय सहकारी बैंक (CCB) एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) के मध्य बढ़ते असंतुलन के कारणों की जानकारी एवं उसे नियत्रिंत करने के लिए उपाय सुझावित करने के क्रम, दी राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंध निदेशक द्वारा 9 अगस्त 2023 को 10 सदस्यीय कमेटी किया गया था । जिसमें अतिरिक्त रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी को अध्यक्ष एवं अपेक्स बैंक से ही बैकिंग सेक्टर के एक जानकार अधिकारी को बतौर सदस्य सचिव तथा केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक, सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों सहित यूनियन के पदाधिकारियों को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था ।

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