सार
Rajasthan : मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि नए को-ऑपरेटिव कोड से सहकारी संस्थाओं में बढ़ेगी पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता और अन्त्योदय के संकल्प को साकार करने में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका

विस्तार
जयपुर, 22 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अन्त्योदय के संकल्प को साकार करने में सहकारिता महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि नए को-ऑपरेटिव कोड से सहकारी संस्थाओं में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इस नवीन सहकारिता कोड में आमजन को सहकारी सुविधा एवं जन कल्याणकारी योजनाओं तक सुगम पहुंच निश्चित करने के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं। यह कोड सहकारी समितियों के आधुनिकीकरण की दिशा में व्यापक सुधार लाएगा।

श्री शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर नए को-ऑपरेटिव कोड के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान सहकारिता अधिनियम-2001 को वर्तमान परिपेक्ष्य में प्रासंगिक बनाने के लिए नवीन को-ऑपरेटिव कोड लेकर आ रही है। इसके लिए गठित एक समिति ने महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और केरल जैसे राज्यों का दौरा कर वहां के सहकारी कानूनों का व्यवहारिक अध्ययन भी किया है तथा इन प्रदेशों के सहकारी कानूनों के प्रभावी प्रावधानों का समावेश नए सहकारिता कोड में किया गया है, जिससे सहकारी संस्थाएं सशक्त हो सके। बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम कुमार दक सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
नवीन सहकारिता कोड को सरल, व्यावहारिक तथा जनहितेषी बनाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन सहकारिता कोड को सरल, व्यावहारिक तथा जनहितेषी बनाया जाए जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ ले सके। हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश में सहकारिता को सर्व सुलभ बनाया जाए ताकि प्रदेशवासी सहकारिता के माध्यम से मिलने वाले लाभ से वंचित ना रहे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस नए कोड में डिजिटल गवर्नेंस, ग्राम सेवा सहकारी समितियों को कम्प्यूटराइजेशन, सहकारी समितियों के नियमित चुनाव, ऑडिट प्रक्रिया में पारदर्शिता तथा बोर्ड के चुनाव में सुधार और समयबद्ध निर्णय प्रणाली जैसे प्रावधान शामिल किए जाए।

श्री शर्मा ने कहा कि सहकार से समृद्धि की भावना के अनुरूप इस नवीन सहकारिता कोड के लिए विभागीय अधिकारी अपने सुझाव दें, जिससे सहकारी समितियों को पारदर्शी एवं आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस संबंध में नियमित बैठक आयोजित की जाए तथा गांवों में सहकारिता मित्र बनाकर उनके सुझाव लिए जाए। इस दौरान बैठक में विभागीय अधिकारियों ने नए को-ऑपरेटिव कोड के प्रारूप को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी। बैठक में कोड से संबंधित प्रमुख बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की।