सार
Rajasthan : प्रदेश की सहकारी संस्थाओं और सहकारी विभाग के नेहरू सहकार भवन सहित अन्य कार्यालयों में कार्यरत कार्मिकों व अधिकारियों के वेतन खातों का अन्य बैंकों में हो रहा संधारण, जुझारू सहकार नेता सूरजभानसिंह आमेरा ने “सहकारिता में सहकार” के तहत समस्त खाते व जमाएँ सहकारी बैंकों में संधारण को लेकर उठाई मांग

विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 3 जुलाई | वर्तमान में प्रदेश कें केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) में आर्थिक संसाधनों की स्थिती सुदृढ़ नहीं होने के कारण किसानों को राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत पर्याप्त सहकारी ऋण की सुविधा मिलने में परेशानी के साथ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (Nabard) के आर्थिक अनुशासन मानदण्डों की पालना करने सहित ऋण कारोबार से बैंक की लाभप्रदता को सुदृढ़ करने में भी परेशानी उत्पन्न हो रही हैं ।
वही रजिस्ट्रार सहकारी समितियां राजस्थान से पंजीकृत विभिन्न सहकारी संस्थाओं के बैंक खाते एवं सावधि जमा (Fixed Deposit) के रूप में निवेश की जाने वाली धनराशि को अन्य बैंकों में रखी जा रही हैं । जिसे अब राज्य सहकारी बैंक (RSCB) और 29 केंद्रीय सहकारी बैंक (CCB) में निवेश करवाने के लिए सहकार नेता सूरजभानसिंह आमेरा ने सहकारिता मंत्री, सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखा हैं ।

जिसके मुताबिक, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (IYC2025) के अवसर पर सहकारी संस्थाओं को आपसी संस्थागत कारोबारी सहयोग से आर्थिक समृद्ध बनाकर “सहकारिता में सहकार” से सहकारी समृद्धि को साकार करने का राष्ट्रीय संकल्प दिया गया, जिसके क्रम में सभी सहकारी संस्थाओं के बैंक खाते एवं सावधि जमाओं के साथ-साथ संस्थाओं व सहकारी विभाग कार्मिकों के वेतन खाते राजस्थान राज्य सहकारी बैंक एवं 29 जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों में संधारण करवाने की मांग उठाई हैं । साथ ही, उन्होने बताया कि सहकारी संस्थाओं के खाते व जमाएँ सहकारी बैंकों में रखने से सहकारी बैंकों की डिपोजिट में वृद्धि होगी, जिससे सहकारी बैंकों के आर्थिक संसाधन बढ़ेंगे । इसके अलावा, सहकारी संस्थाओं व उनके अधिकारियों के ग्राहक के रूप में सहकारी बैंकों से जुड़ने पर सहकारी बैंकों की ग्राहक सेवा व कार्य संस्कृति में इजाफा होगा ।