राज्य मंत्रिमंडल की बैठक 17 नई नगर पालिकाओं के गठन की अधिसूचना को मंजूरी

आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता 

जयपुर, 15 मार्च। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य कैबिनेट एवं राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिमंडल ने प्रदेश के 12 जिलों में 17 नई नगर पालिकाओं के गठन के लिए अधिसूचना के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। राज्य बजट 2020-21 में इन नगर पालिकाओं के गठन की घोषणा की गई थी। मंत्रिमंडल ने 12 जिलों – दौसा, जयपुर, अलवर, भरतपुर, सिरोही, जोधपुर, कोटा, श्रीगंगानगर, सवाई माधोपुर, बारां, करौली तथा धौलपुर – में जिन नगर पालिकाओं के गठन को मंजूरी दी है, वे हैं- मंडावरी, बस्सी, रामगढ, बानसूर, जावाल, भोपालगढ़, लालगढ-जाटान, उच्चैन, सीकरी, सरमथुरा, बसेड़ी, अटरू, पावटा-प्रागपुरा, सुल्तानपुर, सपोटरा, लक्ष्मणगढ़ एवं बामनवास। अब इन जिलों में नवगठित नगर पालिका क्षेत्रों से शेष रहे ग्रामीण क्षेत्रों में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे। 
बैठक में राज्य कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तथा विशिष्ट परिस्थितियों में ही 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के संबंध में विचाराधीन याचिका की सुनवाई के दौरान सभी राज्यों से मांगे गए दृष्टिकोण पर भी विचार-विमर्श किया। मंत्रिमण्डल ने यह राय जाहिर की कि 1992 के इन्दिरा साहनी प्रकरण में आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत सीमा सम्बन्धी निर्णय पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। साथ ही, 102वें संविधान संशोधन के बाद राज्यों की विधायी शक्ति का हृास हुआ है। मंत्रिमण्डल ने राज्य सरकार के इस आशय का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करने की स्वीकृति दी।  
कैबिनेट ने बैठक में मैसर्स एसबीई रिन्यूएबल्स टेन प्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड को विंड पावर प्रोजेक्ट के 105.3 मेगावाट क्षमता के दो प्लांट की स्थापना के लिए बाड़मेर जिले की शिव तहसील में राजस्थान भू-राजस्व (अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित ऊर्जा उत्पादन इकाई की स्थापना हेतु भूमि आवंटन) नियम-2007 के तहत राजकीय भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस निर्णय से प्रदेश में पवन ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा। राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी तथा रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।

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