वंचित किसानों को भी तरलता की उपलब्धता पर दिया जायेगा फसली ऋण- सहकारिता मंत्री

जयपुर, 4 मार्च। सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने गुरूवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि राज्य सरकार दो साल से वंचित किसानों को भी ऋण पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इन किसानों को तरलता की उपलब्धता होने पर ऋण दिया जायेगा। श्री आंजना ने प्रश्नकाल में विधायक श्री रामस्वरूप लांबा के पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की हमेशा हितैषी है।  इससे पहले विधायक श्री लांबा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सहकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य के केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 16 अप्रेल 2020 से ऎसे अवधिपार ऋणियों को नियमानुसार पुनः ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिनकी अवधिपार राशि 5000 रुपये से कम थी। उनकी यह राशि ऋण माफी योजना, 2018 अथवा 2019 में माफ हो चुकी है। वर्तमान में अब कोई राशि बकाया नहीं है। श्री आंजना ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ऋण माफियों की राशि सहकारी बैंकों को किश्तों में उपलब्ध करवाये जाने के फलस्वरूप सहकारी बैंकों के स्तर पर तरलता की कमी के दृष्टिगत बैंकों के पास उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों के मध्यनजर प्रथम चरण में अनावधिपार व नये कृषकों को ही ऋण वितरण किया गया था। उन्होंने बताया कि अगस्त 2020 से ऎसे ऋणी जो वर्तमान में अवधिपार श्रेणी में है तथा जिनका ऋण माफी योजना के अंतर्गत ऋण माफ नहीं हुआ है, के संबंध में अवधिपार मूल राशि एवं ब्याज चुकारे की स्थिति में ऋणी को मूल राशि या अधिकतम साख सीमा, दोनों में से जो कम है, के बराबर ऋण दिया जा रहा है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि अजमेर जिले में अजमेर केंद्रीय सहकारी बैंक से संबंधित 13 हजार 889 अवधिपार कृषकों को पिछले दो सालों से अल्पकालीन फसली ऋण नहीं दिया गया है। अल्पकालीन फसली ऋण चुकाने में बार-बार डिफाल्टर होने वाले किसानों के स्थान पर ऎसे नये किसान, जो अभी तक सहकारी ऋण प्रक्रिया से बाहर थे, को ऋण उपलब्ध कराये जाने के लिए व्यवस्था की गई है।

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में 971507 नये किसानों को 2026.58 करोड़ रुपये तथा वित्त वर्ष 2020-21 में अभी तक 364982 नये किसानों को 646.86 करोड़ रुपय के ऋण स्वीकृत किये जा चुके हैं। श्री आंजना ने बताया कि राज्य में लगातार दो ऋण माफियों के फलस्वरूप सहकारी बैंकों के स्तर पर उत्पन्न तरलता कमी के मध्यनजर प्रथम चरण में अनावधिपार व नये कृषकों को ऋण वितरण किया गया। 

error: Content is protected !!