सार
Rajasthan : सहकार नेता आमेरा ने SLDB को पुनर्वित्त दिलवाने, NCDC की ऋण ब्याज दर में कमी करवाने एवं Confed व भण्डार को बकाया राशि जारी करवाने के लिए सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सीसीबी के बकाया 1150 करोड़ की राशि का भुगतान जारी करवाने की उठाई मांग
विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 28 जनवरी | राज्य के अल्पकालीन सहकारी साख ढांचे की आर्थिक मजबूती एवं संकट समाधान की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा ने सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव से बकाया 1150 करोड़ की राशि का आवंटन करवाने की मांग रखी हैं, आमेरा ने वर्ष 2018-19 व 2019-20 में राज्य सरकार की ऋण माफी योजना पेटे 29 CCB को विलंब भुगतान पर देय लगभग 800 करोड़ का लंबित भुगतान एवं ब्याज मुक्त योजना में फसली ऋण व्यवसाय पर देय 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान की बकाया 350 करोड़ रुपए की राशि का आवंटन राज्य सरकार स्तर से करवाने की पुरजोर मांग उठाई है।
साथ ही, आमेरा ने राज्य सरकार में लंबित भुगतान के लिए बैंको की पुस्तकों में प्रावधान से सभी केंद्रीय सहकारी बैंको को इस वित्तीय वर्ष में संचित हानि से उबारने के लिए यह भुगतान जारी करवाना बहुत आवश्यक बताया है । अन्यथा ऋण माफ़ी पेटे बकाया राशि का RBI के शत प्रतिशत प्रोविजन की पालना से सभी 29 केंद्रीय सहकारी बैंक का इस वित्तीय वर्ष में संचित हानि में आने की आंशका व्यक्त कर, विश्वास जताया कि प्रमुख शासन सचिव सहकारिता व रजिस्ट्रार के सक्षम व कुशल नेतृत्व में इस वित्तीय संकट का निदान होकर अल्पकालीन सहकारी साख संरचना में पैक्स, सीसीबी व अपेक्स बैंक को आर्थिक मज़बूती मिलेगी । उन्होने किसानों के लम्बित भुगतान के लिए सहकारी विपणन क्षेत्र में क्रय विक्रय सहकारी समितियों (केवीएसएस ) का बकाया भुगतान भी जारी करवाने की भी विशेष अपील की है ।
शासन सचिव का धन्यवाद ज्ञापित किया
सहकार नेता सूरजभानसिंह आमेरा ने राज्य के दीर्घकालीन सहकारी साख ढाँचे को पुनर्जीवित कर गतिशील बनाने की दिशा में नाबार्ड से भूमि विकास बैंक को 60 करोड़ का पुनर्वित्त जारी करवाने, एनसीडीसी से भूमि विकास बैंक के लिए ऋण ब्याज दर में 1.20 प्रतिशत की कमी करवाने के साथ कानफेड व भण्डार को सरकार से बकाया 59 करोड़ जारी करवाकर व्यावसायिक मज़बूती दिलवाने के कुशल प्रशासकीय प्रयासों के लिए प्रमुख शाशन सचिव सहकारिता व रजिस्ट्रार मंजू राजपाल का धन्यवाद ज्ञापित कर आमेरा ने बताया कि नाबार्ड से पुनर्वित्त पुनः जारी होने से पीएलडीबी स्तर पर एक बार फिर बाधित ऋण वितरण व्यवस्था को गति मिलेगी । वही एनसीडीसी ऋण ब्याज दर घटाने से दीर्घक़ालीन साख संरचना को पुनर्जीवित करने में भी मदद मिलेगी ।