राज्य में गठित होंगी 2 हजार 728 पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी -शासन सचिव, पशुपालन

जयपुर, 22 जून। पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरूषी मलिक ने कहा कि राज्य में 2 हजार 728 राजस्थान पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी का गठन किया जाना है, जिसमें अब तक 352 के बीआरएन नम्बर जारी हो चुके हैं। उन्हाेंने मंगलवार को यहां शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अतिरिक्त निदेशक एवं संयुक्त निदेशकों की बैठक में आगामी सप्ताह तक यह कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। 
शासन सचिव डॉ. मलिक ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से की गई बजट घोषणा के अनुरूप पशु चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ एवं आधुनिक बनाने के लिए राज्य के प्रत्येक पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी का गठन किया जाना है। सहकारिता विभाग नेे अधिसूचना जारी कर राजकीय पशु चिकित्सालयों में सोसायटी के गठन के लिए पंजीयन शुल्क 250 रूपए निर्धारित किया है। 
डॉ. आरूषी मलिक ने राज्य में मानसून को देखते हुए समस्त जिला मुख्यालयों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस दौरान होने वाली सम्भावित बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक टीकाकरण एवं पशुओं की चिकित्सा के लिए जरूरी दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कर लें। 
डॉ. मलिक ने बताया कि राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम-द्वितीय चरण के तहत प्रत्येक जिले से 500 चयनित गांवों में किए जा रहे कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की अवधि 31 जुलाई तक बढ़ायी जा चुकी है। उन्होंने इस कार्य को गति प्रदान करते हुए तय समय सीमा में इनाफ पोर्टल पर इंद्राज करने के निर्देश दिए।
उन्होंने गौशालाओं को दिए जा रहे अनुदान के भुगतान पर संतोष व्यक्त करते हुए चित्तौड़गढ़, टोंक एवं जैसलमेर के जिला अधिकारियों को गौशाला अनुदान का भुगतान शीघ्र करने के निर्देश दिए।
शासन सचिव ने जिलों में खराब पड़े तरल नत्रजन जारों का शीघ्र ही निस्तारण करने के निर्देश देते हुए बताया कि भेड़-बकरियों के लिए सभी जिला मुख्यालयों पर पीपीआर वैक्सीन की आपूर्ति की जा चुकी है, जिससे जल्द ही टीकाकरण प्रारम्भ हो सकेगा। उन्होंने अनुकम्पात्मक नियुक्ति के लम्बित सभी 40 प्रकरणों पर शीघ्र कार्यवाही कर नियुक्ति आदेश जारी करने के निर्देश दिए। 
बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह, अतिरिक्त निदेशक डॉ. आनन्द सेजरा सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 
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