सार
Rajasthan : pacs computerization प्रोजेक्ट के लिए राज्य स्तरीय क्रियान्वयन एवं मॉनेटरिंग कमेटी (SLMIC) द्वारा 7371 पैक्स की अनुशंषा नाबार्ड को भेजने के पश्चात भारत सरकार की ओर से 6781 पैक्स को कम्प्यूटरीकृत करने की मिली स्वीकृति, जबकि सिस्टम इन्टीग्रेटर का चयन माह जुलाई 2023 में किया जाकर प्रति पैक्स 1,77,401 रुपए के हिसाब से 6781 पैक्स के लिए कार्यादेश जारी करने के उपरांत 6781 पैक्स हेतु GeM पोर्टल के माध्यम से निविदा जारी कर प्रति पैक्स राशि 1,32,939 रुपए के हिसाब से हार्डवेयर क्रय कर डिलीवरी एवं इंस्टॉलेशन का कार्य हो चुका हैं पूर्ण

विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 17 अप्रैल | प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) को कंप्यूटरीकृत करने के लिए केंद्र सरकार की ओर क्रियान्विति पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना अपने लक्ष्य से भटक गई हैं, इस योजना में जुलाई 2023 में हार्डवेयर खरीदने के बावजूद प्रदेश की चयनित 6781 पैक्स में चल रही कम्प्यूटराइजेशन प्रक्रिया में से 4065 पैक्स ही गो-लाइव हो पाई हैं, जबकि शेष 1938 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में हार्डवेयर होने के बावजूद ERP-Traial Run का कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा हैं, वही केंद्र सरकार की इस योजना में 265 करोड़ रुपए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा 60ः40 में व्यय किए जा रहें हैं, जिसके लिए प्रत्येक सोसायटी को 3 लाख 91 हजार रुपए की राशि देकर डिजिटल किया जा रहा हैं । इसमें भी हाडवेयर के लिए 1 लाख 22 रुपए की राशि के अलावा बाकि राशि प्रशिक्षण से लेकर सिस्टम सपोर्ट में व्यय करने का प्रावधान होने के बावजूद पिछले दो साल से हार्डवेयर की खरीद के पश्चात भी 1938 पैक्स गो-लाइव नहीं हो पाई हैं, जबकि केंद्र सरकार की इस योजना में केंद्रीय सहकारिता सचिव से लेकर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटियों का गठन किया हुआ हैं ।
एक योजना को पूरा करने के लिए दूसरी पर रोक
प्रदेश में लघु एवं सीमांत किसानों के लिए सरकार की अल्पकालीन फसली ऋण योजना बड़ी कारगार साबित हो रही हैं, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश की 1938 ग्राम सेवा सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को ब्याज मुक्त योजना के तहत खरीफ सीजन में ऋण प्राप्त करने के लिए बड़ा इंतजार करना पड़ सकता हैं, क्योकि दो साल से सहकारिता विभाग से लेकर जिला स्तरीय कार्यालयों में योजना की समीक्षा के दावों की पोल स्वयं विभाग ने खोल कर पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना में गो लाइव नहीं होने वाली 1938 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में अल्पकालीन फसली ऋण को प्रतिबंधित कर दिया हैं,
पैक्स कम्प्यूटराइजेशन क्रियान्यवन के लिए त्रि-स्तरीय कमेटियों
पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए त्रि-स्तरीय कमेटियों (राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तरीय) गठन का प्रावधान हैं । जिसके क्रम में राष्ट्रीय स्तरीय क्रियान्वयन एवं मॉनेटरिंग कमेटी (NLMIC) का गठन सहकारिता सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में किया तथा राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तरीय क्रियान्वयन एवं मॉनेटरिंग कमेटी (SLMIC) का गठन प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता राजस्थान सरकार की अध्यक्षता में किया हुआ हैं, इसमें सहकारिता विभाग पंजीयक, वित्त विभाग प्रतिनिधि सहित क्षेत्रीय कार्यालय नाबार्ड एवं राजस्थान राज्य सहकारी बैंक को सदस्य के रूप में शामिल कर रखा हैं, इसके अलावा जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं मॉनेटरिंग कमेटी (DLMIC) का गठन सम्बन्धित जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कर केन्द्रीय सहकारी बैंक और पैक्स के प्रतिनिधि आदि को सदस्य के रूप में सम्मिलित किया हुआ हैं ।