उप रजिस्ट्रार ने जांच की जिम्मेदारी एकमात्र निरीक्षक को सौंपी !

 2018 एवं 2019 की ऋण माफी योजना की होनी थी जांच

बाड़मेर 11 जुलाई 2021,। राजस्थान में वर्ष 2018 एवं 2019 में लागू की गयी दो कृषक ऋण माफी योजनाओं की जांच एकमात्र निरीक्षक से कराने का निर्णय लिया गया था। ऋण माफी में हुई अनियमितताओं की जांच की जिम्मेदारी उप रजिस्ट्रार कार्यालय में कार्यरत निरीक्षक (कार्यकारी) ईश्वर जाखड़ को सौंपी गयी थी।
अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियां जोधपुर खण्ड कार्यालय की ओर से पिछले फरवरी माह में उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां बाड़मेर को आदेशित करनें पर, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां बाड़मेर की ओर से जारी पत्रानुसार, जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों में ऋण माफी योजना 2018 व 2019 की अनियमितताओं की जांच व कार्यवाही किए जानें के लिए उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां बाड़मेर कार्यालय में कार्यरत निरीक्षक ईश्वर जाखड़ को निर्देशित कर जिले की 38 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में राजस्थान फसली ऋण माफी योजना 2018 एवं 2019 में हुई अनियमितताओं की जांच मार्च, अप्रैल और मई माह वार कर और अनियमितता पाएं जाने पर अधिनियमान्तर्गत कार्यवाही की अनुषशा अंकित करनें के निर्देश जारी किए गए थें।

करोड़ों रुपये की गड़बड़ी आयी थी सामने

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा राजस्थान फसली ऋण माफी योजना 2018 लागू की गयी थी। इसके अंतर्गत किसानों के 50 हजार रुपये के अल्पकालीन फसली ऋण तथा अवधिपार दंडनीय ब्याज माफ किया गया था। जबकि अशोक गहलोत सरकार द्वारा वर्ष 2019 में लागू की गयी ऋण माफी योजना में 2 लाख रुपये तक कृषि ऋण माफ किये गये थे। प्रदेशभर सहित जिले में अनेक स्थानों पर ऋण माफी योजना की जांच के दौरान करोड़ों रुपये की गड़बड़ी सामने आयी थी। हालांकि ऐसे मामलों में केवल छोटी मछलियों तक ही कार्रवाई सीमित रही थी, मगरमच्छों को छेड़ा तक नहीं गया।

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