पचास फीसदी नए किसानों को वितरित हुआ फसली सहकारी ऋण

सार

Barmer News : बाड़मेर एवं बालोतरा जिले में इस वित्तीय वर्ष में 15753 किसानों ने अल्पकालीन फसली ऋण के लिए पंजीयन करवाया, जबकि 50फीसदी किसानों को ही ऋण मुहैया कराया गया है, वही, सर्वाधिक बकाया अवधिपार ऋणों की वसूली को लेकर सीसीबी ई.ओ. की ओर से संबंधित सहकारी समितियां के अध्यक्षों भेजे गए पत्र

कार्यालय दिवस में बंद पड़ी जिले की सोनड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति – Photo

विस्तार

बाड़मेर । डिजिटल डेस्क | 19 अगस्त | सीमावर्ती जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) के माध्यम से पंजीयन कराने के पश्चात ब्याज मुक्त फसली ऋण (ST Crop Loan) प्राप्त करने के लिए नए किसानों को शाखा और सहकारी समिति मुख्यालय के बीच चक्कर काटने पड़ रहे है। जबकि सरकार की बजट घोषणा के बाद विभाग द्वारा नए किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध कराने को लेकर प्रतिदिन आदेश निकाले जा रहें है। परन्तु बाड़मेर केद्रीय सहकारी बैंक (CCB) इसको गंभीरता से नहीं ले रहा हैं और फंड की उपलब्धता के अनुसार ऋण देने की बात कर जिले के नए पंजीयन कराने वाले किसानों को गुमराह कर रहा है, दरअसल, इस वित्तीय वर्ष में बाड़मेर एवं बालोतरा जिले में 15753 नए किसानों ने अल्पकालीन फसली ऋण प्राप्त करने के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से पंजीयन करवाया था, लेकिन इनमें से महज 7 हजार किसानों को ही 17 करोड़ का ऋण दिया गया है। औसतन प्रत्येक किसानों को 22 हजार रुपए का ही ऋण मिला है। वही, ऐसे में 50 फिसदी से ज्यादा किसान आज भी अल्पकालीन फसली ऋण के इंतजार में बैठे है, तो कई किसानों ने चक्कर खाने के बाद सहकारी समिति की ओर रुख तक करना छोड़ दिया है।

अवधिपार ऋण वसूली लेकर शुरु हुई नोटिस प्रक्रिया

जिले में राज्य सरकार की नए किसानों को ऋण वितरण करने की बजट घोषणा की क्रियान्वित करने बजाए सीसीबी अधिशासी अधिकारी की ओर से सर्वाधिक अवधिपार ऋणों का बोझ अपने कंधो पर ढो रही सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों को अवधिपार ऋण बढ़ोतरी के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है, साथ ही, स्पष्टीकरण पत्र की प्रति संबंधित सहकारी समिति अध्यक्ष को भेजकर सहकारी समिति में बकाया चल रहें अवधिपार ऋण राशि की वसूली समय पर नहीं करने वाले समिति व्यवस्थापक, सहायक व्यवस्थापक के विरुद्ध व्यवस्थापकीय सेवानियम अंतर्गत कार्यवाही कर सीसीबी के प्रधान कार्यालय को सूचना भेजने के निर्देश पत्र के माध्यम से दिए जा रहें है। गौरतलब हैं कि करोड़ो की कर्जमाफी के पश्चात भी सहकारी समितियों में अवधिपार ऋणों में बढ़ोतरी होना अप्रशिक्षित लोगो को प्रस्ताव प्रणाली के सहारे सहकारी समितियों में दिए गए वित्तीय प्रभार का परिणाम है,

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