सार
Rajasthan : राजस्थान में ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs-Lamps) के कर्मचारियों ने आज राज्यभर में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के द्वितीय चरण में सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार एवं सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर पैक्स कर्मचारियों की परिवेदना की प्रस्तुत, जिसमें 29 सितंबर तक लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने पर दी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी

विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 20 सितम्बर | प्रदेश में आज राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) के आह्वान पर चरणबद्ध तरीके से राज्यभर के उप रजिस्ट्रार एवं सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियों कार्यालय के आगे पैक्स कर्मचारियों ने एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया हैं । इस बार केंद्रीय सहकारी बैंक (CCB) के बजाय उप रजिस्ट्रार एवं सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय के आगे धरना देना, सहकारिता की इन वित्तीय संस्थाओं (CCB) की ग्राम सेवा सहकारी समितियों की ओर लंबे अरसे से चल रही विमुखता को दर्शाता हैं । जहां पैक्स कर्मचारियों कई सालों से केंद्रीय सहकारी बैंक (CCB) के आगे ही धरना देकर अपनी मांगे रखते रहे हैं । लेकिन वर्ष 2018 के उपरांत उनकी एक भी मांग पूरी नहीं होने के चलते उप रजिस्ट्रार कार्यालय के आगे धरना देकर पैक्स कर्मचारियों ने अपनी और पैक्स की प्रमुख व्यथा को बताया हैं ।
दरअसल, राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) द्वारा आज प्रदेश के अनेक जिलों से उप एवं सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां के मार्फत सहकारिता मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार सहकारिता विभाग के अलावा जिला कलेक्टर एवं बैंक प्रशासक सीसीबी को पुनः ’पैक्स कर्मचारियों की परिवेदना’ नाम से परिवेदना प्रस्तुत की हैं । इसमें 29 सितंबर तक पैक्स कर्मचारियों की मांगे पूर्ण नहीं होने पर सरकार की योजनाओं के साथ सहकार सदस्यता अभियान के अनिश्तिकालीन बहिष्कार किए जाने की बात भी दोहराई गई हैं । इसके अलावा, राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) ने पांच सूत्रीय प्रमुख मांगों के साथ 6 सूत्रीय अन्य मांग एवं पैक्स हितार्थ एक विधि सम्मत कार्यवाही का भी उल्लेख परिवेदना में किया हैं ।
हालांकि राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) के सदस्य एवं संयोजक के नेतृत्व में भी विभिन्न जिलों से परिवेदना प्रस्तुत की गई, जिसमें संयोजक हनुमानसिंह राजावत ने जालोर से, मदन मैनारिया ने उदयपुर से, कुलदीप जंगम ने बारां से तथा सदस्य नरपतसिंह चारण ने सिरोही से, सत्यनारायण तिवाड़ी ने भीलवाड़ा से, तथा हेमंत कुमार व्यास ने डूंगरपुर से, बलदेवाराम गेट ने नागौर से, पवन कुमार पुनिया ने चूरू से, पुंजराजसिंह सोढ़ा ने बीकानेर से, देवेन्द्र कुमार सैदावत ने अलवर से, टीकेन्द्र कटारा ने, भरतपुर से पैक्स कर्मचारियों का नेतृत्व कर परिवेदना सहकारिता विभाग को दी हैं ।

पांच सूत्री प्रमुख मांगों के निराकरण उठी मांग
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) ने कॉमन कैडर गठन करने, सहकारी बैकों में ऋण पर्यवेक्षकों के रिक्त पदों को व्यवस्थापकों के लिए शत-प्रतिशत आरक्षित करने, नियमितीकरण की प्रक्रिया पुनः एक बार करने तथा पैक्स कर्मचारियों के सेवानियम कार्मिक विभाग से बनाने सहित बैकिंग सहायक चयन प्रक्रिया में आयु सीमा, स्क्रीनिंग की अनिवार्यता और 5 वर्ष के अनुभव की बध्यता की शर्त को विलोपित करने की मांग भी उठाई गई हैं ।
छह सूत्री मांगों पर विभाग करें पुनर्विचार
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पांच सूत्री प्रमुख मांगों के अलावा छह सूत्री मांगों के निराकरण की अपेक्षा की हैं । जिसमें 1804 पैक्स के असंतुलन को लेकर विचार कर अपेक्स बैंक की ओर से गठित कमेटी की रिपोर्ट उजागर करने, नई ग्राम सेवा सहकारी समितियां बनाने के निर्णय को पुरानी सहकारी समिति के लिए आत्मघाती निर्णय बताकर उस पर पुनः विचार करने, पैक्स में कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा गांरटी नहीं होने पर विचार करने, साथ ही, बीसी काउंटर के जरिए होने वाले भुगतान पर सहकारी समितियों को कमीशन देने की मांग पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की अपेक्षा की गई हैं ।
क्षतिपूर्ति पर भी पैक्स को मिले आनुपातिक भाग
राजस्थान में 39 लाख किसानों को ग्राम सेवा सहकारी समितियों से 60 हजार करोड़ की साख सीमा (MCL) स्वीकृत कर 40 फीसदी यानि 25 हजार करोड़ ही ऋण देने के तथ्य का उल्लेख कर, सहकारिता विभाग के सूचना तंत्र के माध्यम से जारी होते बयानों की पोल खोलकर, राजस्थान में ग्राम सेवा सहकारी समितियों को मंहगाई के दौर में महज 2 फिसदी ब्याज अनुदान मिलने पर चिंता जताई हैं । साथ ही, ज्ञापन में बताया हैं कि प्रत्येक साल मंहगाई की दर 5 से 6 फीसदी और भारत की अर्थव्यवस्था में 4 से 5 फीसदी बढ़ोतरी हो रही हैं, लेकिन सरकार की ओर से मिलने वाले ब्याज अनुदान में पिछले दो दशक से 1 फीसदी भी बढ़ोतरी नहीं होना ग्राम सेवा सहकारी समितियों के लिए चिंता का विषय हैं। इसके अलावा, केंद्रीय सहकारी बैंकों को भारत सरकार से 1.5 प्रतिशत एवं राज्य सरकार सरकार द्वारा 0.80 प्रतिशत क्षतिपूर्ति के नाम पर मिलने वाली करोड़ो रुपए की राशि में पैक्स को भी अनुपातिक भाग के तहत राशि आवंटन करने की मांग भी उठाई हैं ।

विधि सम्मत होगी मय ब्याज ऋणों की वसूली
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अनिश्चितकालीन बहिष्कार किए जाने के बावजूद भी सहकारिता विभाग एवं सरकार द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिए जाने पर एक विधि सम्मत कार्यवाही किए जाने की चेतावनी भी दी हैं । जिसमें पैक्स हितार्थ अल्पकालीन फसली ऋण प्रक्रिया में ब्याज छुट प्रावधानों के तहत लेटलतीफी से जारी होती ब्याज अनुदान राशि के लिए समिति स्वयं नीति तैयार कर संचालक बोर्ड से अनुमोदित करवाने की बात कही गई हैं । साथ ही, ऑफलाइन प्रक्रिया के तहत ऋणी सदस्य को रसीद देकर खरीफ एवं रबी के ऋण की वसूली मय ब्याज करने की चेतावनी भी दी हैं ।
गूंजे सहकारिता प्रशासन होश में आओ के नारे
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मचारियों ने न केवल सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया । बल्कि अपना व्यथा को जताने के लिए नारेबाजी भी की । जिसमें कई जिलों से “सहकारिता प्रशासन होश में आओ !”, “हम, हमारा हक़ मांगते नहीं किसी से भीख मांगते !“, “सहकार एकता जिंदाबाद !” जैसे नारे सुनाई पड़े हैं । वही कई जिलों में तो उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां कार्यालय के आगे पैक्स-लेम्पस कर्मचारियों का सैलाब उमड़ा और अपनी पीड़ा परिवेदना के जरिए सहकारिता विभाग को सौंपी हैं । हालांकि आज राज्यभर में यह पहला मौका देखने को मिला, जब ग्राम सेवा सहकारी समिति कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के लिए विभागीय कार्यालय का रुख किया हैं ।


