सार
Rajasthan : अखिल राजस्थान सहकारी बैंक्स अधिकारी एसोसिएशन द्वारा 7 जुलाई को औधोगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 की उपधारा (1) के तहत दिया जा चुका हैं विधिक नोटिस…। जिसमें कर्ज माफी के 767 करोड़ का भुगतान करवाने, सीसीबी में फिट एंड प्रॉपर क्राइटेरिया के तहत प्रबंध निदेशक लगाने की मांग
विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 26 जुलाई | “सहकार से समृद्धि” के दौर में राजस्थान के सहकारिता विभाग की नीतियों से नाराज केंद्रीय सहकारी बैकों (CCB) के कर्मचारी अब आंदोलन की राह पकड़ने को मजबूर हैं । अब केंद्रीय सहकारी बैंकों (CCB) के कर्मचारी अखिल राजस्थान सहकारी बैंक्स अधिकारी एसोसिएशन एवं राजस्थान सहकारी बैंक कर्मचारी संघ के बैनर तले अपनी मांगों के निराकरण के लिए 4 अगस्त से आंदोलन पर उतरने वाले हैं । इसको लेकर अखिल राजस्थान सहकारी बैंक्स अधिकारी एसोसिएशन की ओर से 7 जुलाई को औधोगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 की उपधारा (1) के तहत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, सहकारिता मंत्री, मुख्य सचिव, सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार तथा शीर्ष सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक, समस्त सीसीबी प्रबंध निदेशक, नाबार्ड महाप्रबंधक, श्रम आयुक्त जयपुर और बूंदी जिला कलेक्टर को विधिक नोटिस दिया जा चुका हैं । जिसके मुताबिक सरकार और विभाग को 4 अगस्त तक का समय दिया गया हैं । इसके तिथि के बाद भी सहकारी बैंक कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी जाती है तो 4 अगस्त के बाद से उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल की राह पर जाना होगा ।
संघ के अध्यक्ष ने क्या कहा
अखिल राजस्थान सहकारी बैंक्स अधिकारी एसोसिएशन एवं राजस्थान सहकारी बैंक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर शर्मा कहा कि बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को प्रबंधन के समक्ष रखते रहे हैं लेकिन, कर्मचारियों की बेसिक मांग भी पूरी नहीं की जा रही हैं । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं सहकारिता विभाग के नाम 21 सूत्री मांग पत्र दिया गया हैं, जिस पर 3 अगस्त तक सकारात्मक निर्णय नहीं होने की स्थिती में 28 जुलाई से केंद्रीय सहकारी बैंक बूंदी पर धरना प्रदर्शन एवं 4 अगस्त के बाद में कलम बंद हड़ताल प्रारंभ की जाएगी । उन्होने बताया कि 29 केंद्रीय सहकारी बैंकों की ऋण माफी ब्याज अनुदान की राशि 765 करोड रुपए अविलंब बैंकों दी जाएं । साथ ही, सीसीबी में कर्मचारियों की पदोन्नति, सहकारिता विभाग अधिकारियों के अनावश्यक वेतन-भत्तों के भुगतान का भार सहकारी बैंकों पर नहीं करने की मांग उठाते हुए प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर शर्मा ने कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंकों में अतिरिक्त अधिशासी अधिकारी का पद स्वीकृत नहीं होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय सहकारी बैंकों में नियुक्त कर वेतन दिया जा रहा हैं । जिससे बैंकों की आर्थिक सेहत पर प्रभाव पड़ा हैं ।
संघ की यह हैं प्रमुख मांगें
अखिल राजस्थान सहकारी बैंक्स अधिकारी एसोसिएशन की ओर 21 सूत्री मांगों को लेकर नोटिस दिया गया हैं । जिसमें प्रमुख रुप से केंद्रीय सहकारी बैंकों के कर्मचारियों को राष्ट्रीयकृत बैंकों के तरह पेंशन सुविधा एवं अन्य लाभ दिए जाने, 8 प्रतिशत ब्याज एवं 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान का भुगतान करने के साथ बैकों में एक ही पद पर लंबे समय से बैठे सहकारिता विभाग के अधिकारियों का स्थानांतरण, नागौर और पाली सीसीबी में 16वां वेतन समझौता लागू करने, सीसीबी कर्मचारियों को मिले आरजीएचएस सुविधा का लाभ देने की के अलावा 12वें वेतन समझौते की वेतन विसंगित में सुधार, सहकारिता विभाग की ओर से आदेशों की प्रतिक्षा अवधि में चल रहें अधिकारियों को बैंक से वेतन भुगतान नहीं करने, वेतन समझौतो की नई पॉलिसी बनाने की मांग उठाई गई हैं । इसी प्रकार, सीसीबी में प्रबंध निदेशक पदस्थापन से पूर्व लिखित परीक्षा या साक्षात्कार लेने तथा सीसीबी में स्टाफ स्ट्रेंथ के लिए नाबार्ड की अमलोरपवनाथन कमेटी की सिफारिश को लागू करने की मांग की हैं ।