
जालोर । 26 मई | (प्रकाश वैष्णव) | ग्रेनाइट नगरी के रूप में देश भर में विख्यात जालोर के जनजीवन में जवाई नदी की भांति विशिष्ट गति है। इस गति को एक खास दिशा दी है, सहकारिता आंदोलन ने……। समाज सुधार एवं गरीब कृषकों के उत्थान में सहकारिता की भूमिका को जालोरवासियों ने भली प्रकार समझा है। सहकारिता मंत्रालय की “सहकार से समृद्धि” पहल का जीवन्त रूप जालोर जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर स्थित उम्मेदाबाद ग्राम सेवा सहकारी समिति में दिखाई देता है।
सहकारिता आंदोलन सामाजिक सशक्तीकरण का अद्भुत हथियार है। इस सहकारिता के विचार की प्राथमिक प्रयोगशाला ग्राम सेवा सहकारी समिति है, जहां सहकारिता के चिन्तन का जमीन पर अंकुरण होता है। वर्ष 1961 में उम्मेदाबाद ग्राम सेवा सहकारी समिति नाममात्र सदस्यों एवं नाममात्र हिस्सा राशि से प्रारंभ हुई आज यह समिति संचालको के वित्तीय प्रबंधन एवं सदस्यों के समर्पण के परिणामस्वरूप वटवृक्ष का रूप ले चुकी है। आज इस समिति में 1374 सदस्य एवं 5 करोड़ 74 लाख का सलाना टर्नऑवर हैं । इस समिति के 70 प्रतिशत सदस्य लघु एवं सीमांत वर्ग के कृषक हैं, जिनके आर्थिक उन्नयन के साथ सामाजिक स्वावलम्बन पर भी समानान्तर ध्यान दिया जा रहा है। समिति के पास अपना मिनी सहकारी बैंक संचालित हैं, जिसने शीघ्र ही क्षेत्र की जनता का विश्वास जीत लिया बहुत तेजी से बैंक में खाताधारको की संख्या में वृद्धि हुई। मिनी बैंक के आकार का अनुमान इससे लगता है कि आज वर्ष 2023-24 में 3 करोड़ 51 लाख रूपये अमानते जमा हैं । जिस पर सलाना समिति को मुनाफा मिल रहा हैं, सिर्फ वर्ष 2023-24 में ही समिति को 5 लाख 25 हजार रुपए का लाभ मिला हैं ।

उम्मेदाबाद ग्राम सेवा सहकारी समिति आज इतनी सुदृढ़ आर्थिक स्थिति में है कि अपने क्षेत्र के सदस्यों को उपभोक्ता ऋण एवं स्वयं सहायता समूहों को आवृत्ति एवं सावधि जमाओं के विरूद्ध ऋण उपलब्ध करा रही है। अपने खाताधारकों को यह समिति लॉकर सुविधा भी उपलब्ध कराती है, बड़ी संख्या में ग्राहक इस सुविधा का उपयोग कर रहे है। इतना ही नहीं, समिति के कॉमन सर्विस सेन्टर (CSC) पर लाभान्वित होने वालों की संख्या स्वयं इसकी सफलता की कहानी बयान कर रही है। सीएससी पर बिजली के बिल, बीमा प्रीमियम की किश्त, पैन कार्ड, मूल निवास प्रमाण-पत्र, विवाह प्रमाण-पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड बनवाना जैसी अनगिनत सेवायें जनता को उपलब्ध कराई जा रही है। इन बहुआयामी कामों से समिति को अच्छा लाभ मिल रहा है।

सहकारिता की राष्ट्रीय स्तरीय संस्थाओं से जुड़ी
उम्मेदाबाद ग्राम सेवा सहकारी समिति आज देश की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको से जुड़ी हुई हैं, इफको की ओर से उम्मेदाबाद सहकारी समिति को ड्रोन उपलब्ध कराया हुआ हैं, जो स्थानीय किसानों के लिए खेती-किसानी में बहुत सहायक साबित हो रहा हैं, इस ड्रोन से किटनाशक एवं दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा हैं । साथ ही इफको एवं कृभको के उत्पादों का विपणन भी समिति मुख्यालय पर किया जा रहा हैं । हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा गठित तीन नई राष्ट्रीय सहकारी समितियां NCOL, NCEL और BBSSL की सदस्यता भी समिति ने हासिल कर ली हैं, इतना ही नहीं भारतीय बीज सहकारी समिति की जालोर जिले में डिस्ट्रीब्युटरशीप भी समिति को मिली हैं ।

किसानों को सस्ती दरों उपलब्ध कराए जा रहें कृषि यंत्र
प्रदेश में लघु एवं सीमांत किसानों को सस्ती दरों पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप समिति में स्थापित कस्टम हायरिंग केंद्र के माध्यम से खेती-किसानी के लिए रियायती दरों पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा हैं, समिति आर्थिक लाभ और सामाजिक सरोकार में सदैव संतुलन बनाकर चल रही है। इसी कड़ी में समिति की ओर से पीडीएस व्यवसाय का कार्य भी निष्पादित किया जा रहा हैं, जिससे समिति मुनाफा अर्जित कर रही हैं । साथ ही समिति की ओर से भारतीय जन औषधि केन्द्र की स्थापना कर ग्रामवासियों को बाजार मूल्य से बहुत कम दरो पर उच्चगुणवत्ता वाली दवाईयां भी उपलब्ध करवाई जा रही है।

बचत के लिए आयोजित होते कैम्प
समिति मुख्यालय पर सरकार की अति महत्वाकांक्षी “ब्याज मुक्त योजना” के तहत अल्पकालीन फसली सहकारी ऋण वितरण एवं वसूली का कार्य शत-प्रतिशत पेपरलेस तौर पर किया जा रहा हैं । जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी समिति की ओर ग्रामीणों को दिया जा रहा हैं । इसके अलावा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले कृषि आदान-अनुदान के क्लेम भी किसानों को समिति स्तर से ही वितरित किए जाते हैं । साथ ही छोटी बचत की आदतों को प्रोत्साहित करने के लिए समिति द्वारा समय-समय पर कैम्पों का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में समिति के पास बचत खातों की 78 लाख रूपये एवं आवृत्ति खातों की 2 करोड़ 52 लाख रूपये की राशि जमा है।

इनका कहना हैं
उम्मेदाबाद ग्राम सेवा सहकारी समिति के मुख्य कार्यकारी व्यवस्थापक मधुसुदन शर्मा ने कहा कि समिति ने अपने आर्थिक संसाधनों के विकास के साथ सामाजिक सरोकारों पर भी समान रूप से ध्यान केंद्रित किया हैं । आने वाले समय में “सहकार से समृद्धि” के ध्येय वाक्य के तहत समिति कार्यक्षेत्र में सदस्यों के आर्थिक विकास एवं सामाजिक सरोकार के नये प्रतिमान स्थापित किए जाएंगे। साथ ही सहकारिता से छूटे हुए क्षेत्र में आर्थिक उन्नयन पर भी समानान्तर रुप से ध्यान दिया जा रहा है।