“सहकारी साख” व्यवस्था कायम करने में सफल रही लापुन्दड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति

बाड़मेर जिले की लापुन्दड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति लगातार सफलता के सोपान कर रही अर्जित, अल्प समय में ऋणी किसानों के मन में बांधा ‘‘सहकारी साख’’ का धागा… । पिछले 12 साल से सहकारी समिति में ऋण वसूली हैं शत-प्रतिशत

लापुन्दड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति (MKM News Barmer)

बाड़मेर । 23 जून | (प्रकाश वैष्णव) | सहकारी समितियों की सफलता की एक ही कुंजी है, वह यह है कि उसकी अपनी सक्रियता सदस्यता संख्या और समय पर देनदारी व देनदारियों के प्रति जागरूकता, ऐसे ही विजन के साथ बाड़मेर जिले की लापुन्दड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति ने अल्प समय में किसानों का भरोसा जिता हैं… । समिति केंद्रीय सहकारी बैंक की गिड़ा शाखा के अधीन कार्यरत हैं । जिसका पंजीयन क्रमांक 1592/सी हैं, जो 17 जनवरी 2013 को पंजीकृत हुई थी । थार रेगिस्तान से घिरे बाड़मेर जिले की लापुन्दड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति ने कृषकों को साहुकारी प्रथा से निजात दिलाकर सरकार की “ब्याज मुक्त योजना” के तहत अल्पकालीन फसली सहकारी ऋण वितरण कर अपनी अलग पहचान बनाई हैं। लापुन्दड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में किसानों के विश्वास और भरोसे के द्योतक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि सहकारी समिति की स्थापना से लेकर आज दिन तक एक भी ऋणी किसान का अल्पकालीन फसली ऋण बकाया नहीं हैं, अर्थात वसूली के मामले में यह सहकारी समिति स्थापना से लेकर आज दिन तक हमेशा ही अग्रणी रही हैं । इसका परिणाम यह रहा कि समिति को जिले में उत्कृष्ट कार्य करने के कारण वर्ष 2025 में सीसीबी बैंक स्तर पर बैंक प्रशासक एवं जिला कलेक्टर द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया हैं ।

व्यवस्थापक को प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए बीसीसीबी बैंक प्रशासक एवं जिला कलेक्टर (MKM News Barmer)

वही समिति को कई सालों से ऑडिट में “बी” श्रेणी में वर्गीकृत किया जा रहा हैं तथा लगातार लाभ अर्जित कर रही हैं । आज किसानों की सदस्यता 1680 हैं, जिनमें से 1390 किसानों को साल में एक मर्तबा खरीफ फसल बुवाई के दौरान 5 करोड़ रुपए का समिति स्तर से वित्तदाता बैंक के सहयोग से ऋण मुहैया कराया जाता हैं । किसी भी अनवरत संस्थान के सफल संचालन के लिए आवश्यक हैं उसकी आय का नियमित स्रोत और इसके लिए आवश्यक हैं कुशल वित्तीय प्रबंधन । इसी कुशल वित्तीय प्रबंधन की बदौलत समिति में मियादी जमाओं के तौर 51 लाख रुपए की FDR के अलावा सहकारी समिति ने अपनी स्थापना से लेकर आज दिन तक मुनाफा कमाकर अपनी सुदृढ़ प्रबंधन व्यवस्था को साबित कर वर्ष 2024-25 तक 16 लाख से अधिक का लाभ हासिल किया हैं, जो कि लगातार प्रगति को इंगित करता हैं ।

जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित भुगतान प्रक्रिया का कार्य (MKM News Barmer)

इस सहकारी समिति में निर्वाचित संचालक मण्डल, समिति व्यवस्थापक सवाईराम चौधरी एवं फील्ड स्टाफ के कुशल कार्य निष्पादन शैली व मधुर व्यवहार से समिति सदस्यों का विश्वास नहीं जीता, अपितु सदस्यों एवं गांव की जनता को जोड़कर सहकारिता के नए आयाम स्थापित किए हैं, जिससे समिति के किसानों एवं ग्रामीण जनता के आत्मविश्वास में अपार वृद्धि हुई हैं । जिसके परिणाम स्वरुप समिति की साख व लाभप्रदता एवं वसूली का ग्राफ निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हैं ।

पैक्स कंप्यूटराइजेशन योजना समिति हो चुकी गो-लाइव

सहकारी समिति ना केवल “सहकार से समृद्धि” के विजन को लेकर कदम उठाएं, बल्कि प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियां को समृद्ध, पारदर्शी, सुदृढ़ बनाने वाली केंद्र सरकार की पैक्स कंप्यूटराइजेशन योजना को प्रभावी रुप से लागू करने का कार्य निष्पादित किया हैं । इसी ही क्रम में सहकारी समिति पैक्स कंप्यूटराइजेशन योजना के तहत 31 मार्च 2025 को ही गो-लाइव हो गई, इतना ही नहीं, वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 की पैक्स कंप्यूटराइजेशन में ऑन सिस्टम ऑडिट की प्रक्रिया भी समिति स्तर से संपन्न करवाई गई हैं ।

भुगतान प्रक्रिया की सुविधा उपलब्ध

सवाईराम चौधरी, व्यवस्थापक लापुन्दड़ा जीएसएस

लापुन्दड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में ऋण व्यवसाय के अतिरिक्त एफआईजी गेटवे के जरिए जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित भुगतान प्रक्रिया का कार्य समिति मुख्यालय पर सफलतापूर्वक किया जा रहा हैं । साथ ही, किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जोड़ने की कवायद की जा रही हैं । वर्तमान समय में समिति के पास अपने स्वामित्व के तौर पर 100 मैट्रिक टन का गोदाम और कार्यालय भवन बना हुआ हैं । जिसका लोकार्पण तत्कालीन सहकारिता मंत्री अजयसिंह किलक द्वारा 14 दिसबंर 2016 को किया गया था ।

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