करवर ग्राम सेवा सहकारी समिति खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ समर्थन मूल्य खरीद, उर्वरक बिक्री, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र, कॉमन सर्विस सेन्टर का कर रही कार्य और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन से किसानों को बेहतर बाजार और प्रशिक्षण के मिलेंगे अवसर

बूंदी । 22 जून | (प्रकाश वैष्णव) | देशभर में संयुक्त राष्ट्र संघ के आह्वान पर अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष मनाया जा रहा हैं । साथ ही, केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा “सहकार से समृद्धि” का विजन चलाया जा रहा हैं । वर्तमान में गांवों में फैली अनेक ग्राम सेवा सहकारी समितियां सहकारिता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रही हैं, उनमें से ही एक कहानी हैं पिछले 70 साल से सहकारिता की पहचान बनी बूंदी जिले की करवर ग्राम सेवा सहकारी समिति की…..। समिति ने अपने कुशल वित्तीय प्रबंधन से न केवल अपने दायित्वों को बखूबी निभाया हैं, वरन आज आर्थिक स्वावलम्बन का आधार बन कर उभरी है। जिले में करवर ग्राम सेवा सहकारी समिति ने अपने नवाचारों से अपनी अलग पहचान बनाई है। समिति का पंजीयन 2 मई 1956 को हुआ था । समिति में निर्वाचित संचालक मण्डल हैं । यहां अध्यक्ष राकेश कुमार जैन, व्यवस्थापक राकेश कुमार नागर एवं संचालक मण्डल के सदस्यों के नेतृत्व व सदस्यों की सक्रिय भागीदारी से नवाचारों का प्रयोग करते हुए समिति निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हो रही हैं ।

समिति ने ना केवल राज्य सरकार की “ब्याज मुक्त योजना” पर निर्भरता रखी, बल्कि नवाचारों को अपनाकर कई नए आयाम स्थापित किए हैं, आज केवल ब्याज मुक्त योजना से 802 किसानों को 7 करोड़ से अधिक का ऋण मुहैया कराया जाता हैं । राज्य के सहकारिता विभाग के ध्येय वाक्य “एक सब के लिए-सब एक के लिए” को यह सहकारी समिति चरितार्थ कर वित्तीय प्रबंधन में उचित समरसता बनाई हुई हैं । समिति की कार्यशील पूंजी का उचित प्रबंधन किया जा रहा हैं, सदस्यों की हिस्सा राशि और संचित लाभ के प्रयोग को देखते हुए कुशल प्रबंधन से पूंजी का फ़िक्स्ड डिपॉजिट करके ओवरड्राफ्ट लिमिट ली जा रही हैं, जिससे समिति को मुनाफा मिल रहा हैं । वर्तमान की आवश्यकता को भांपते हुए सहकारी समिति ने अपने पास पड़े खाली भूखंड को बीएसएनल के टावर के लिए किराए पर दे रखा हैं । जो समिति और प्रबंधन के दूर-दर्शी विजन को दर्शाता हैं ।

इसके अलावा, उर्वरक मंदी के दौर में खाद-बीज का उचित भण्डारण कर समिति द्वारा किसानों को उच्चगुणवतायुक्त खाद समयानुसार रियायती दरों पर उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा हैं । इतना ही नहीं सरसों, चना, सोयाबीन, गेहूं तथा उड़द का समर्थन मूल्य पर खरीद का कार्य समिति स्तर पर प्रारंभ करने से स्थानीय किसानों को जिंस विक्रय में भी सुविधा मिली हैं तथा अनावश्यक होने वाले आर्थिक व्यय से किसानों को निजात मिली हैं और समिति की आय में भी वृद्धि हुई हैं ।
ड्रोन उद्यमी केंद्र( MKM News Bundi)
1997 से संचालित उचित मूल्य की दुकान
समिति अपने कृषक सदस्यों को खाद-बीज किटनाशक दवाईयों के अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नियंत्रित वस्तुओं की ब्रिकी कर उपभोक्ताओं को लाभान्वित कर रही हैं । समिति में कॉमन सर्विस सेन्टर की सुविधा उपलब्ध हैं, जिसके तहत समिति मुख्यालय पर समस्त डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं । वही इफको की ओर से समिति को ड्रोन उपलब्ध कराया हुआ हैं । इतना ही नहीं, नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण दवाईयां उपलब्ध कराने के इरादे से समिति ने 8 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र भी स्थापित किया हैं । इसके अलावा, हाल ही में समिति को कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के तौर पर समिति को नामित किया गया हैं । जिससे नवाचारों को उत्तरोत्तर बढ़ावा मिलने के अवसर उपलब्ध हो सकतें हैं ।

एक भी सदस्य अवधिपार नहीं
समिति अल्पकालीन फसली ऋण वितरण का शत-प्रतिशत पेपरलेस वितरण कर पर्यवारण संरक्षण का भी संदेश दे रही हैं । वर्तमान में समिति स्तर पर एक भी सदस्य का अवधिपार ऋण बकाया नहीं हैं । हर साल अखिल भारतीय सहकार सप्ताह के तहत संगोष्ठी का आयोजन कर सहकारिता के बारे में आमजन को जानकारी दी जाती हैं । वित्तीय वर्ष 2024-25 तक समिति ने 54 लाख 91 हजार रुपए से अधिक का संचित लाभ अर्जित किया हैं ।
-राकेश कुमार जैन, अध्यक्ष करवर जीएसएस