रेगिस्तान में सहकारिता की पहचान
बाङमेर सीमावर्ती रेगिस्तानी जिले बाड़मेर के गाँव जसाई में 1962 से कार्यरत जसाई ग्राम सेवा सहकारी समिति ने सहकारिता आंदोलन की मजबूत जडे़ इस समिति द्वारा स्थापित की गई है ! समिति की स्थापना के समय सदस्यों की संख्या 125 थी जो आज बढ़कर 1285 हो गई है ! समिति स्थापना से जसाई, असाडा़ की बेरी, परो, मिठड़ी खुर्द गॉवों के कृषकों , ग्रामीणों, दस्तकारों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हुए सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं ! समिति द्वारा मिनी बैंक का कार्य भी किया जा रहा है। वर्तमान में समिति के मिनी बैंक में सदस्यों की 3 करोड़ 11 लाख रुपए की अमानते जमा है ! समिति द्वारा अल्पावधि फसली ऋण वितरण के साथ ही सरकार द्वारा स्थापित कस्टम हायरिंग सेन्टर का संचालन कर कृषकों को रियायती दर पर कृषि यंत्र भी खेती, किसानी के लिए उपलब्ध करवायें जा रहे है। उत्कृष्ट कार्य हेतु जसाई ग्राम सेवा सहकारी समिति को जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है । यह समिति सफलता के सोपान लगातार अर्जित कर रही है और भविष्य में सदस्यों को और अधिक सुविधाएं के साथ-साथ ऋण उपलब्ध करवाने हेतु कार्यशील है । जसाई ग्राम सेवा सहकारी समिति के स्थापित होने के बाद 1978 से श्री दीपाराम सोलंकी केडर से चयनित व्यवस्थापक नियुक्त के पश्चात वर्ष 2010 मे ऋण पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नत हुए थे ! दीपाराम सोलंकी के कुशल वित्तीय प्रबंधन से इस समिति का कारोबार उत्तरोत्तर बढ़ता गया । और यही कारण है कि समिति दिन-प्रतिदिन प्रगति की ओर अग्रसर है समिति में मुख्य कार्यकारी के पद पर समिति के ही कार्मिक हरीराम सोलंकी जो कि 2010 से लगातार कार्यरत है। समिति में इनके अलावा दो सहायक कर्मचारी कार्यरत है जिनके सम्मिलित अथक प्रयासों से समिति आज सफलता के मुकाम पर है।