बदहाल स्थिती में पहुंची सहकारी आंदोलन की सबसे छोटी इकाई पैक्स, हताश कर्मी कार्य बहिष्कार की राह पर…

सार 

Alwar : “सहकार से समृद्धि” का वाक्य पैक्स के लिए बना दूर की कौड़ी, राजस्थान के अलवर जिले में पैक्स के अस्तित्व को बचाने के लिए चुना गया कार्य बहिष्कार का रास्ता, अब इस जिले में छह सूत्री मांगों को लेकर चल रहा हैं कार्य बहिष्कार

वार्ता विफल होने पर कार्य बहिष्कार की योजना पर मंथन करते यूनियन पदाधिकारी (Mkm News Alwar)

विस्तार 

अलवर । डिजिटल डेस्क | 29 मई | अंतर्राष्ट्रीय संस्था संयुक्त राष्ट्र ने इस साल को सहकारिता वर्ष के रूप मानने की घोषणा की हैं, देश में पिछले चार साल से “सहकार से समृद्धि” का शोरगुल सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद सुनाई दे रहा हैं तथा राज्य में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के कई दावें किए जा रहें हैं, लेकिन हकीकत इससे परे हैं, आज राजस्थान में सहकारी आंदोलन की धरोहर और सबसे अंतिम कड़ी के नाम से विख्यात पैक्स यानि प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी सोसायटी अपने वजूद को बचाने के लिए जुझ रही हैं, इसकी बदहाल स्थिती के लिए शीर्ष सहकारी बैंक द्वारा वर्ष 2019 में लागू ऋण वितरण पॉलिसी जिम्मेदार हैं, यह पॉलिसी आज राष्ट्रीय स्तरीय पैक्स कंप्यूटराइजेशन परियोजना के भी आड़े आ रही हैं । राजस्थान में सहकारी आंदोलन की अंतिम कड़ी पैक्स के पास केवल “ब्याज मुक्त योजना” में ऋण वितरण का ही मूल व्यवसाय हैं, इसमें भी कटौती के चलते घटते ब्याज मार्जिन से संस्थापन व्यय तक लाले इन दिनों पड़ने लगे हैं, जबकि पैक्स कंप्यूटराइजेशन में समितियों को गो-लाइव करने की सहकारिता विभाग की हेड को ऐसी ललक लगी हैं कि येन-केन पैक्स कंप्यूटराइजेशन प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा हैं और इसके लिए मूल व्यवसाय को भी प्रतिबंधित करने से गांवों में पैक्स की रही सही साख भी टूट कर बिखरने लगी हैं । अब सवाल यह पैदा हो रहा हैं कि विभाग ने ऋण पर प्रतिबंध क्यों लगाया ? पैक्स कंप्यूटराइजेशन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए ब्लॉक स्तरीय एवं जिला स्तर पर व्यवस्थापकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित क्यों नहीं हुए ? पैक्स व्यवस्थापकों से पैक्स कंप्यूटराइजेशन प्रोजेक्ट के मामले में कम प्रगति के लिए चर्चा क्यों नहीं हुई ? क्या विभाग किसान और सहकारी समितियों के बीच बाड़ बनाने की कोशिश कर रहा हैं ? ऐसे बहुत सारे सवालों की झड़ी लगी हुई हैं और इसी कड़ी में प्रदेश के अलवर जिले की पैक्स का अस्तित्व बचाने के लिए हताश पैक्स कर्मियों ने दैनिक कार्य बहिष्कार की राह को चुना हैं ।

सीसीबी प्रबंधन के साथ वार्ता करते अलवर जिला यूनियन के पदाधिकारी (Mkm News Alwar)

अलवर के पैक्स कर्मी कार्य बहिष्कार की राह पर…

इसी कड़ी में, फ़िलहाल प्रदेश के अलवर जिले में पैक्स कर्मियों द्वारा दैनिक कार्यो का बहिष्कार जारी हैं, इन कर्मियों की जिला स्तरीय मांगों पर भी सहमति नहीं बन पा रही हैं, आज सीसीबी प्रधान कार्यालय में व्यापक तौर पर चर्चा के बावजूद भी विभाग के अधिकारी कान में जूं तक रेंगाने को तैयार नहीं हैं । दरअसल, अलवर जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों द्वारा चार दिन पहले बैंक प्रशासक एवं जिला कलेक्टर अलवर को ज्ञापन सौंपकर दैनिक कार्य बहिष्कार शुरू करने के पश्चात आज सीसीबी प्रधान कार्यालय में यूनियन जिला अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार सैदावत, संघर्ष समिति संयोजक ओमप्रकाश शर्मा सहित 21 सदस्यों के शिष्ट मंडल की प्रबंध निदेशक देवदास बैरवा के साथ बैंक प्रबंधन की मौजूदगी में वार्ता हुई, लेकिन एक भी मांग पर सहमति नहीं बनी और जिले में पैक्स के दैनिक कार्य बहिष्कार जारी रखने का निर्णय पुनः राजस्थान बहुउद्देशीय सहकारी सोसायटी कर्मचारी यूनियन जिला यूनिट अलवर द्वारा लिया गया ।

error: Content is protected !!