भाद्राजून में वैज्ञानिक-कृषक संवाद कर मोटे आनाज का बताया महत्व 

जालोर 23 जनवरी। कृषि विज्ञान केंद्र केशवना द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के तहत भाद्राजून में किसानों को केंद्र की तकनीकी सहायता से जलवायु अनुकूल खेती व मोटे अनाज के महत्व पर वैज्ञानिक-कृषक संवाद का आयोजन किया गया जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को मोटे अनाज का महत्व बताया गया।
संवाद के दौरान वैज्ञानिक नितेश शर्मा ने मोटे आनाज के बारे में बताते हुए कहा कि मोटे अनाज में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जिससे यह व्यक्ति को बीमारियों से बचाता है। मोटे अनाज में कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है तथा यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। उन्होंने मुर्गी पालन पर जोर देते हुए कहा कि मुर्गी पालन अपनाकर किसान अपनी आय में आमदनी कर सकते हैं।
डॉ. आनन्द कुमार ने किसानों को मौसम सम्बन्धी जानकारियाँ दी साथ ही किसानों को वर्मी कम्पोस्ट व केंचुआ खाद के माध्यम से प्राकृतिक खेती करने पर तकनीकी जानकारी दी तथा रबी में मौसम आधारित समस्याओं से बचने के तरीके भी सुझाये।
इसी प्रकार डॉ० विकास द्वारा प्रशिक्षर्थियों को केंद्र का भ्रमण करवाकर उनको तकनीकी जानकारी दी गई। केंद्र के कीट वैज्ञानिक डॉ प्रकाश चंद यादव ने प्रशिक्षर्थियों को रबी फसलों की खेती में कीट समस्या पर व्याख्यान दिया एवं उसके निदान सुझाये। उन्होंने प्राकृतिक खेती के सिद्धांतो जैसे ‘‘बीजामृत, जीवामृत, आच्छादन व वापसा‘‘ से मोटे अनाजों के उत्पादन के बारे में अवगत करवाया। कार्यक्रम के दौरान केंद्र द्वारा कृषकों को एफएलडी का वितरण किया गया।
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