सार
hanumangarh : सहकारी बैंक कर्मियों की यूनियन आम सभा में शिरकत कर सहकार नेता आमेरा ने ऋण माफी की एवज में प्रदेश के केन्द्रीय सहकारी बैंकों को देय बकाया ब्याज के 750 करोड रूपये का भुगतान करने की मांग उठाते हुए कहा कि हनुमानगढ़ सीसीबी का राज्य सरकार में बकाया 35 करोड़ रूपये का प्रावधान करने से 8 प्रतिशत सीआरएआर के साथ सीसीबी आ सकती हैं हानि में

विस्तार
हनुमानगढ़ । डिजिटल डेस्क । 7 अप्रैल । ऑल राजस्थान राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाईज यूनियन एवं ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन की हनुमानगढ़ जिला यूनिट की आमसभा का आयोजन जिला अध्यक्ष रमेश कुमार दत्ता एवं सरंक्षक रामकुमार सहारण की संयुक्त अध्यक्षता में होटल नारंग में हुआ । जिसमें ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाईज यूनियन एवं ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए, इस दौरान उनके साथ अपेक्स बैंक यूनियन अध्यक्ष राकेश गुर्जर, दिलीप सिंह जादम, अभिषेक रायजादा, विनोद कुमार मीणा का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया ।
सहकार नेता सूरजभानसिंह आमेरा ने आमसभा को सम्बोधित करते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 व 2019 में की गई सहकारी ऋण माफी की एवज में प्रदेश के केन्द्रीय सहकारी बैंकों को देय बकाया ब्याज के 750 करोड रूपये का भुगतान करने की मांग करते हुए कहा कि सहकारी बैंकों में भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश से राज्य सरकार की तरफ बकाया राशि का शत-प्रतिशत प्रोविजन करने से इसी वित्तीय वर्ष में केन्द्रीय सहकारी बैंकों को सीआरएआर निर्धारित वित्तीय मानदण्ड 9 प्रतिशत के स्तर से नीचे चला जायेगा। जिससे सहकारी बैंकों की आर्थिक स्थिति कमजोर होकर अधिकांश बैंक हानि में आ जायेगें। वही हनुमानगढ़ केन्द्रीय सहकारी बैंक का राज्य सरकार में बकाया 35 करोड़ रूपये का प्रावधान करने से हनुमानगढ़ बैंक का सीआरएआर 8 प्रतिशत के साथ बैंक हानि में आ जायेगा।

इस दौरान हनुमानगढ़ जिला सचिव दिनेश आरोड़ा, शैलेन्द्र गुप्ता, विनोद लोहिया, रमेश सैनी, अनिल विश्नोई, सीमा सोलंकी, कल्पना मीणा, रमेश स्वामी, राकेश गुर्जर व दिलीप सिंह जादम यूनियन प्रतिनिधियों ने भी सम्बोधित करते हुए सहकारी बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों को सहकारी बैंकों की आर्थिक सुदृढ़ता, सुरक्षा तथा कार्मिक हितों के लिए यूनियन के साथ एकजुटता व सक्रियता के लिए आह्वान किया। अंत में अध्यक्ष रमेश कुमार दत्ता द्वारा उपस्थित कर्मचारियों एवं अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित कर सभा का समापन किया गया ।
सहकारी बैंकों की छवि हो रही खराब
इसके अलावा आमेरा ने वाणिज्यिक बैंक एवं ग्रामीण बैंकों के मर्जर की तरह जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को राज्य सहकारी बैंक में समामेलित कर टू-टीयर सहकारी बैंकिंग व्यवस्था राज्य में लागू किया जाना समय की मांग बताते हुए सहकारी बैंकों में प्रशासनिक कुशलता व आर्थिक सक्षमता के लिए रिजर्व बैंक के निर्धारित मानदण्ड नीति फिट एण्ड प्रोपर के तहत योग्य अधिकारी एम.डी. लगाने की आवश्यकता, के साथ सहकारी बैंकों की स्टाफ स्ट्रेन्थ 2010 में निर्धारित की गई थी जिसकी वर्तमान बैंकिंग सेवा, सुविधाएं व मशीनीकरण के परिपेक्ष में दुबारा समीक्षा कर बढ़ाये जाने की आवश्यकता भी जताई हैं ।

वही आमेरा ने 16वें वेतन समझौते के लम्बित मुद्दों का वित्त विभाग द्वारा निस्तारण कर जेएआईआईबी/सीएआईआईबी की वेतन वृद्धि का लाभ यथावत जारी किए जाने, सहकारी बैंकों में शाखाओं एवं पैक्स स्तर पर प्रभावी निरीक्षण, नियंत्रण एवं अनुशासन के लिए सीसीबी में फिल्ड कार्य के लिए ऋण पर्यवेक्षक पदों की उपयोगिता को देखते हुए बैंक में ऋण पर्यवेक्षक पद बहाल करने, सहकारी बैंकों में कार्मिकों की प्रभावी स्थानांतरण नीति लागू करने और सहकारी बैंकों के कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए पेंशन एवं आरजीएचएस चिकित्सा सुविधा लागू किये जाने की मांग दोहराई हैं । साथ ही, आमेरा ने कहा कि शाखाओं एवं पैक्स में हो रहे गबन, वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार से सहकारी बैंकों की छवि खराब हो रही है।