जालोर 18 जनवरी। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आहोर तहसील के सेदरिया बालोतान ग्राम में ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया कर छिड़काव करवाया जाकर सजीव प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में सवाराम पटेल ने ड्रोन तकनीक को किसानों के हित में बताते हुए राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री वी.आर. सोलंकी ने नैनो यूरिया छिड़काव की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि राज्य में पहली बार ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया का छिड़काव किया जा रहा है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. आर.बी. सिंह ने कहा कि फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए यूरिया के सर्वाधिक प्रयोग से कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट होने की शिकायत लंबे समय से आती रही है। इस चिंता को दूर करने के लिए यूरिया नैनो तकनीक आधारित लिक्विड तैयार किया गया है जो कि स्वदेशी आधारित उर्वरक है एवं भारत सरकार द्वारा अनुमोदित है। फसल की क्रांतिक अवस्थाओं पर नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की पर्याप्त मात्रा में फसलों को पूर्ति होती है जिससे उत्पादन में वृद्धि के साथ ही यह पर्यावरण के लिए अनुकूल है। ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया छिड़काव एक साथ विस्तृत भू-भाग में कम समय में किया जा सकता है जिससे समय की बचत की साथ ही धन की भी बचत होती है।
ईफको मैनेजर निर्भय चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा कि नैनो यूरिया का निर्माण गांधीनगर जिले के कलोल में ईफको द्वारा नैनो तरल यूरिया प्लान्ट से निर्माण किया गया है। यूरिया की एक बोरी का फर्टिलाईजर नैनो यूरिया के रूप में 500 मि.ली. की बोतल में समा जायेगा। इस तरल यूरिया को नैनो तकनीक द्वारा विकसित किया गया है।
नैनो यूरिया के लाइव प्रदर्शन में आहोर उपखण्ड अधिकारी शैलेन्द्र सिंह, तहसीलदार हितेश त्रिवेदी, सरपंच जगतसिंह, डेयरी रानीवाडा के चैयरमैन जोगसिंह बालोत, कमाण्ड क्षेत्र अध्यक्ष लादुसिंह बालोत, उप सरपंच दलपत सिंह, एफपीओ अध्यक्ष ओटाराम मीणा, कृषि अधिकारी राकेश नोगिया, जगदीश प्रसाद एवं क्षेत्रीय कार्मिक उपस्थित रहे।