प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की मोबाइल वैन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

जालोर 1 दिसम्बर। जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार वासु ने बुधवार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के रथों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा रबी 2021-22 हेतु जारी अधिसूचना के अनुसार गेहूॅ, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा एवं इसबगोल फसल को अधिसूचित किया गया है।
कृषि विभाग के उपनिदेशक  डॉ. आर.बी. सिंह ने बताया कि जालोर जिले में फसल बीमा के क्रियान्वयन हेतु बजाज एलायन्ज जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। योजनान्तर्गत फसली ऋण लेने वाले ऋणी कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा। कृषक द्वारा मात्र एक बैंक अथवा संस्था के माध्यम से ही फसल का बीमा कराया जा सकेगा। कृषक द्वारा किसी स्थिति दोहरा बीमा मान्य नहीं होगा। गैर ऋणी एवं बटाईदार कृषक स्वैच्छिक आधार पर अपनी फसलों का बीमा नामांकन की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर 2021 तक निकट के सहकारी/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सी.एस.सी के माध्यम से अथवा अधिकृत बीमा कम्पनी बजाज एलायन्ज जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के प्रतिनिधि अथवा फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से भी निर्धारित प्रक्रिया अनुसार करा सकेंगे। इस हेतु कृषक को स्वयं प्रमाणित प्रस्तावित क्षेत्रफल में बोई गयी/बोई जाने वाली फसलों के खसरा नम्बरों के नवीनतम जमाबन्दी की नकल, एक घोषणा पत्र, आधार कार्ड की प्रति, स्वंय के बैक खातें की पासबुक कॉपी के साथ प्रस्ताव पत्र प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने बताया कि बीमित कृषकों को कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों से बुवाई नहीं होने की स्थिति (बाधित/निष्फल बुवाई), खडी फसल (बुवाई से कटाई) में सुखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर एवं बवंडर से होने वाले उपज में नुकसान के लिये व्यापक जोखिम बीमा राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकडों के आधार पर, फसल कटाई उपरांत सूखने के लिये खेत में काटकर फैलाकर छोडी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान के लिये कटाई उपरांत अधिकतम 02 सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए, अधिसूचित क्षेत्र के आंशिक कृषि भूमि क्षेत्र में ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटना, प्राकृतिक आग एवं जलप्लावन से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान आदि।युद्ध, आणविक खतरों, शरारतपूर्ण क्षति एवं अन्य रोके जा सकने वाले जोखिम से होने वाली क्षति को योजना के तहत बीमा कवर से बाहर माना जाएगा। अधिसूचना के अनुसार समस्त अधिसूचित फसलों के लिये जोखिम स्तर 80 प्रतिशत निर्धारित किया गया है तथा फसलों की बीमित राषि की 1.5 प्रतिशत (व्यवसायिक फसलों-जीरा, इसबगोल हेतु 5 प्रतिशत) प्रीमियम राशि के रुप में कृषक द्वारा वहन की जायेगी। अधिकृत बीमा कम्पनी का टोल फ्री नम्बर 18002095959 है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न रबी की फसलों में बीमित राशि एवं कृषक प्रीमियम राशि प्रति हैक्टर गेहूॅ बीमित राशि 41171 रूपये एवं प्रीमियम राशि. 617.57 रूपये, चना बीमित राशि. 49317 रूपये एवं प्रीमियम राशि 739.76 रूपये , सरसों बीमित राशि. 53083 रूपये एवं प्रीमियम राशि रू. 796.25, तारामीरा बीमित राशि 21353 रूपये एवं प्रीमियम राशि 320.30 रूपये, जीरा बीमित राशि. 90282 रूपये एवं प्रीमियम राशि 4514.1 रूपये तथा इसबगोल की फसल में बीमित राशि 61233 रूपये एवं प्रीमियम राशि रू. 3061.65 निर्धारित है। जिले में फसल बीमा हेतु बजाज एलायन्ज जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी की ओर से इस बीमा योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु 6 मोबाईल वैन का उपयोग किया जा रहा हैं। ये मोबाईल वैन जिले की समस्त ग्राम पंचायतों एवं पटवार हल्को में जाकर प्रत्येक गांव में कृषकों को फसल बीमा के प्रति जागरूक करेंगी।
उन्होंने जिले के कृषकों से अपील की है कि रबी फसलों की बुवाई करने वाले कृषक अपनी फसलों का बीमा अवश्य करावें ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वर्णित जोखिम की स्थिति में बीमित कृषकों को बीमा क्लेम का उचित लाभ मिल सकें।
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