जालोर । 5 नवम्बर । डिजिटल डेस्क । जिले के सांचौर व चितलवाना पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता और अनुपयोगी कार्य कराके जहां सरकारी बजट को चूना लगाया जा रहा है, वहीं पंचायत प्रतिनिधि हर काम में कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रखकर कायदे कानून के पालन से बेपरवाह हैं। उन्हें न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है।
ग्राम पंचायतों में सरंपच, सचिव और ग्राम रोजगार सहायक की तिकड़ी का बेलगाम राज चल रहा है। जबकि पूर्व समय में पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के बाद कोविड के कारण समय पर चुनाव नहीं होने के चलते इस तिकड़ी को मनमानी करने की खुली छूट मिली थी। पहले भी ऐसे तमाम काम कराए गए, जिनमें कमाई का रास्ता नजर आया। यहां तक कि कई अनुपयोगी काम भी करा दिए गए हैं, ऐसे तमाम निर्माण कार्य कराके जिम्मेदारों ने अपना-अपना हिस्सा तो ले लिया पर ये निर्माण कार्य अनुपयोगी पड़े-पड़े बर्बादी की कगार पर हैं। मनरेगा के काम मशीनों से कराके फर्जी मस्टर भरने की भी शिकायतों को अनदेखा करके जिम्मेदार मौन बने रहें। इसे लेकर लोगों में नाराजगी है और कुछ मामलों में अधिकारी दिखावे के लिए कार्रवाई करके अपनी कमी छिपाने में जुटे हैं।
काम नहीं आया हाटबाजारः
सांचौर पंचायत समिति क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत गोलासन में सरपंच-सचिव की मनमानी से यहां पूर्व समय में बिना सोचे-विचारे ग्राम गोलासन में लाखों की लागत से हाट-बाजार बेहद घटिया तरीके से बनवाकर बजट को चूना लगया गया है। इस हाट बाजार का आज तक उपयोग नहीं हो सका है। यहां बेसहारा मवेशियों का डेरा जमा रहता है। इतना ही नहीं गांव के पंचायत भवन की हालत देखने से ऐसा लगता है पंचायत भवन के मेंटेनेंस के नाम पर अकसर राशि मंजूर कराके हजम कर ली जाती है।
परावा में सीसी रोड में बड़ा घोटालाः
जिले की ग्राम पंचायत परावा में सीसी रोड में बड़ा घोटाला किया गया है। लाखों की लागत से सीसी रोड के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। यहां पर पूर्व सरपंच, सचिव ने जमकर मनमानी करके अपने हाथ बनाए हैं। मजे की बात तो ये है कि सीसी रोड में मनमानी की शिकायत के बाद जिम्मेदार अधिकारी जांच मेंं लीपापोती करने में जुटे रहें । जबकि शिकायतकर्ता लोगों का कहना है कि जांच अधिकारी अपना किया कराया छुपाने की कोशिश में हैं। इसी कारण जांच चलने के दौरान ही सचिव ने सीसी निर्माण का पूरा भुगतान भी कर दिया है, जिसमें बड़ा खेला किया गया है। आरोप है कि सीसी निर्माण में मूल्यांकन से अधिक राशि निकाली गई है।