सार
Sri Ganganagar News : ग्राम सेवा सहकारी समितियां कर्मचारी यूनियन, श्रीगंगानगर द्वारा दिये गये मांग पत्र एवं बैंक उच्चाधिकारियों के साथ यूनियन की विभिन्न मांगो पर चर्चा होने के पश्चात श्रीगंगानगर जिले की केन्द्रीय सहकारी बैंक ने अपने स्तर से सहकारी समितियों को अग्रिम ब्याज अनुदान का भुगतान करने का लिया निर्णय
विस्तार
श्रीगंगानगर । डिजिटल डेस्क | 24 अप्रैल | प्रदेश की ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) का ब्याज अनुदान एक साल से अटका हुआ है। इसी बीच, श्रीगंगानगर जिले की केन्द्रीय सहकारी बैंक (CCB) ने अपने स्तर से सहकारी समितियों (Pacs) को अग्रिम ब्याज अनुदान का भुगतान करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए सीसीबी की ओर से सहकारी समितियों (Pacs) से प्रस्ताव मांगे गए है। हाल ही में केन्द्रीय सहकारी बैंक (CCB) की ओर से इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है। जिसके मुताबिक, केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की महत्ती योजनाओं यथा पैक्स कम्पयूटरीकरण, अल्पकालीन ऋण वितरण एवं ऋण साख सीमा नवीनीकरण आदि के दृष्टिगत कार्य व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों को राज्य सरकार से प्राप्ति योग्य 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान मे से उनके खाते में जमा होने वाले 02 प्रतिशत ब्याज अनुदान की बकाया राशि या डेढ़ लाख रूपये दोनो में से जो कम हो अग्रिम दिये जाने की स्वीकृति दी गई है। साथ ही, राज्य सरकार से ब्याज अनुदान प्राप्त होने पर उसे जमा किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शाखा प्रबन्धक के जरिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों से प्रस्ताव मांगे गए है। दरअसल, सीसीबी की ओर से ग्राम सेवा सहकारी समितियां कर्मचारी यूनियन, श्रीगंगानगर द्वारा दिये गये मांग पत्र एवं बैंक उच्चाधिकारियों के साथ यूनियन की विभिन्न मांगो पर चर्चा होने के पश्चात ब्याज अनुदान का भुगतान करने का निर्णय लिया गया है। वही, अल्पकालीन फसली ऋण का चुकारा समय पर करने वाले कृषकों की 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान की राशि 1 सितम्बर 2022 से 31 दिसम्बर 2022 तथा 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक का बकाया है। जो कि राज्य सरकार से प्राप्त नहीं हुई है। इस 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान की राशि में से आधी राशि (02 प्रतिशत) ग्राम सेवा सहकारी समितियो के खातो में जमा की जाती है. जिससे ही समिति द्वारा अपने कर्मचारियों को वेतन भत्ते आदि का भुगतान किया जाता है। समितियो को इतने लम्बे समय से ब्याज अनुदान बकाया होने के कारण अपने कर्मचारियों को वेतन भत्ते आदि देने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा हैं । यूनियन पदाधिकारियों द्वारा वेतन नहीं तो काम नहीं की बात रखते हुए बैंक प्रबन्धन से इनके ब्याज अनुदान पेटे अग्रिम राशि भुगतान किये जाने की मांग की गई है।