सिंगल सुपर फॉस्फेट खेती के लिए वरदान

जालोर 6 अक्टूबर। सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक (एसएसपी) एक फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है जिसमें 16 प्रतिशत फॉस्फोरस के साथ 11 प्रतिशत सल्फर भी होता है। इस उर्वरक का प्रयोग तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अत्यधिक लाभदायक है क्योंकि सल्फर के उपयोग से तेल वाली फसलों में तेल की मात्रा बढ़ जाती है। जिले में अभी सरसों, तारामीरा, चना आदि की बुवाई होनी है जिस हेतु सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक अत्यन्त लाभकारी है।
कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ.आर.बी.सिंह ने बताया कि सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक डीएपी की अपेक्षा सस्ता है एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है। प्रति 50 कि.ग्रा. बैग डीएपी में 23 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 9 कि.ग्रा. नाइट्रोजन पाया जाता है और इसकी कीमत 1200 रू. प्रति 50 कि.ग्रा. बैग है। यदि किसान डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में 3 बैग प्रत्येक 50 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक एवं एक बैग यूरिया का उपयोग करते है तो इससे 24 कि.ग्रा. फॉस्फोरस, 20 कि.ग्रा. नाइट्रोजन एवं 16 कि.ग्रा. सल्फर पौधों को उपलब्ध होगा और इस विकल्प की कीमत रू.1166 होगी।
उन्होंने कृषकों को सलाह दी है कि डीएपी उर्वरक के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक एव 1 बैग यूरिया का प्रयोग सरसों, चना फसल हेतु करे जो सस्ता विकल्प भी है साथ ही आसानी से बाजार में उपलब्ध है। इसकी मांग ग्राम सेवा सहकारी समिति/क्रय-विक्रय सहकारी समिति अथवा निजी उर्वरक विक्रेता को देकर उर्वरक प्राप्त किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृषक नजदीकी कृषि कार्यालय में संपर्क करे अथवा निःशुल्क किसान कॉल सेन्टर 18001801551 पर संपर्क कर सकते है।
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